New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

उत्तराखंड भू कानून संशोधन विधेयक

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन एवं कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय; भारत में भूमि सुधार)

संदर्भ 

हाल ही में, उत्तराखंड में मंत्रिमंडल ने नए सशक्त भू कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है।

उत्तराखंड भू कानून (संशोधन) विधेयक के बारे में

  • उद्देश्य : राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर एवं नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखना।
  • वर्ष 2018 के पूर्ववर्ती भू कानून के अनुसार :
    • देश का कोई भी व्यक्ति उत्तराखंड में लगभग 12.5 एकड़ कृषि भूमि खरीद सकता था, जिसे विशेष मामलों में बढ़ाया जा सकता है।
    • औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भूमि की बिक्री व खरीद के लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता होती थी।
    • आवासीय उपयोग के लिए, सभी को राज्य के सभी क्षेत्रों में भूमि खरीदने की अनुमति थी और भूमि के आकार पर कोई सीमा नहीं थी।

उत्तराखंड भू कानून (संशोधन) विधेयक के प्रमुख प्रावधान

  • पुराने कानून निरस्त : वर्ष 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
  • बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध : हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर एवं कृषि भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
    • अर्थात राज्य की राजधानी देहरादून के साथ-साथ पौडी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल, पिथौरागढ, चंपावत, अल्मोडा एवं बागेश्वर जिलों में कृषि भूमि खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा।
  • पहाड़ों में चकबंदी एवं बंदोबस्ती : पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी एवं बंदोबस्ती की जाएगी।
  • जिलाधिकारियों के सीमित अधिकार : अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों में सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया होगी।
  • ऑनलाइन पोर्टल से भूमि खरीद की निगरानी : प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।
  • शपथ पत्र की अनिवार्यता : राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा एवं अनियमितताओं को रोका जा सके।
  • भूमि खरीद की नियमित रिपोर्टिंग : सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद एवं शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
  • भू उपयोग का निर्धारण : नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।
  • भूमि सरकारी भूमि में निहित : यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ अपनी भूमि का उपयोग किया है तो वह भूमि सरकार के पास चली जाएगी।

नए कानून के प्रभाव

  • इस कानून से उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा अत्यधिक भूमि खरीद पर रोक लगेगी।
  • पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।
  • भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में आसानी होगी।
  • सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X