संदर्भ
भारत में जीवाश्म विज्ञानियों गुजरात के कच्छ में पनांद्रो लिग्नाइट खदान में विशाल सर्प के अवशेष का पता लगाया है। जीवाश्म विज्ञानियों ने इसे ‘वासुकी इंडिकस’ नाम दिया है।
वासुकी इंडिकस के बारें में
- इस नई प्रजाति का नाम भगवान शिव से जुड़े पौराणिक सर्प वासुकी के नाम पर ‘वासुकी इंडिकस’ रखा गया है।
- इस प्राचीन प्रजाति का अब तक खोजे गए सबसे लंबे साँप जितना बड़ा होने का अनुमान है।
- हिंदू पौराणिक कथाओं में, वासुकी साँपों के राजा माने जाते हैं और नाग पंचमी पर उनकी पूजा की जाती है।
- इसे विलुप्त हो चुके ‘मैडट्सोइड्स (Madtsoiidae) साँप परिवार से संबंधित माना जाता है।
- आकार : वासुकी इंडिकस की लंबाई 10.9 –15.2 मीटर तक अनुमानित है। यह अब तक ज्ञात सबसे लंबे सांप, विलुप्त ‘टाइटनोबोआ’ के बराबर है।
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार, वर्ष 1912 में इंडोनेशिया के सेलेब्स से लिए गए एक नमूने की रिकॉर्ड लंबाई 10 मीटर है।
- कालावधि : वासुकी इंडिकस साँप की कालावधि लगभग 4.7 करोड़ पूर्व की मानी जा रही है।