हालियाँ खबरों के मुताबिक, बढ़ते तापमान की वजह से चेन्नई निवासियों के प्राथमिक जल स्रोतों में से एक वीरनम झील सूख चुकी है।
चेन्नई मेट्रोपॉलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (CMWSSB) के आंकड़ों के अनुसार, 15 अप्रैल, 2024 को वीरनम झील में जल भंडारण शून्य मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT) दर्ज किया गया था।
पिछले साल इसी तारीख को झील में 687.40 MCFT पानी था, जबकि इसकी कुल क्षमता 1,465 MCFT है।
वीरानम झील के बारें में:
अवस्थिति: यह झील तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में स्थित है।
जल स्रोत : इस वीरानम झील को वाडावरु नदी के माध्यम से कोल्लीदम नदी से पानी मिलता है।
वदावरु नदी वीरनम झील और कोल्लीदम नदी को जोड़ती है।
निर्माण : राजादित्य चोल, जो परांतक प्रथम की पहली संतान थे, ने चोल काल के दौरान 907 और 955 ईस्वी के बीच इस झील का निर्माण करवाया था।
14 किमी की लंबाई के साथ, वीरानम दुनिया की सबसे लंबी कृत्रिम झीलों में से एक है।
इसे प्राचीन लोगों ने 10वीं शताब्दी में केवल कच्चे हाथ के औजारों का उपयोग करके बनाया था।
राजादित्य चोल ने अपने पिता के सम्मान में उनकी उपाधि के नाम पर इस जल निकाय को ‘वीरनारायणन’ नाम दिया था।
समय के साथ इसका नाम बदलकर ‘वीरानम’ कर दिया गया।
ऐतिहासिक प्रमाण : लेखक कल्कि के प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास ‘पोन्नियिन सेलवन’ में इस झील का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है।
पोन्नियिन सेलवन में झील की भव्यता और जिस तरह से इसमें कई नदियाँ बहती हैं, उसका विस्तृत विवरण शामिल है।