(प्रारंभिक परीक्षा प्रश्नपत्र-1 : भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)
(मुख्य परीक्षा प्रश्नपत्र-1 : स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, पासी समुदाय की स्वतंत्रता सेनानी ‘ऊदा देवी’ की शहादत की याद में लखनऊ के सिकंदर बाग सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
ऊदा देवी के बारे में
- उदा देवी को उनकी वीरता के साथ-साथ एक नेता के रूप में उनके कौशल के लिये भी याद किया जाता है।
- इनका जन्म उजीराव, लखनऊ में हुआ था। ये अवध की बेगम हजरत महल के शाही रक्षक दल का हिस्सा थीं।
- इन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठाने के लिये लोगों, विशेषकर दलित महिलाओं को एकजुट करने का कार्य किया।
1857 का विद्रोह और ऊदा देवी
- 1857 के विद्रोह के दौरान लखनऊ की सेना और हेनरी लॉरेंस के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों के बीच एक लड़ाई लड़ी गई जिसमें मक्का पासी (ऊदा देवी के पति) की मृत्यु हो गई। वे अवध के नवाब वाजिद अली शाह की सेना में पैदल सैनिक के रूप में कार्यरत थे।
- मक्का पासी की मृत्यु ने उदा देवी को 1857 के विद्रोह में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिये प्रेरित किया।
- 16 नवंबर, 1857 को गोमती नदी के निकट तैनात ब्रिटिश रेजीमेंट के विरुद्ध लड़ने वाले सैनिकों में ऊदा देवी भी शामिल थीं। इस युद्ध में इन्होंने कम से कम तीन दर्जन ब्रिटिश सैनिकों को मारकर वीरता का प्रदर्शन किया और अंततः वीरगति को प्राप्त हुई।