संदर्भ
- हाल ही में, इक्वाडोर स्थित मेक्सिको दूतावास पर इक्वाडोर की छापेमारी को राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय के गंभीर उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है।
- इक्वाडोर के पूर्व उपराष्ट्रपति जॉर्ज डेविड ग्लास को गिरफ़्तार करने के लिए यह छापेमारी की गई। डेविड ग्लास ने मैक्सिकन दूतावास में शरण ली थी।
राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय, 1961 के प्रमुख अनुच्छेद
अनुच्छेद 22
- दूतावास परिसर उसके प्रमुख की अनुमति के बिना अनुल्लंघनीय (Inviolable) है। इसका अर्थ है कि दूतावास परिसर के प्रमुख की अनुमति के बिना कोई गतिविधि नहीं की जा सकती है अर्थात प्रवेश, जाँच, छानबीन आदि के लिए पूर्व-अनुमति आवश्यक है।
- दूतावास की सुरक्षा का विशेष दायित्व उसी देश का ही होगा, जिस देश में दूतावास स्थित है।
- दूतावास से संबंधित सभी साजो-सामान एवं संपत्ति को तलाशी, अधिग्रहण, कुर्की या दंड से मुक्त रखा गया है।
अनुच्छेद 24
दूतावास के अभिलेख एवं दस्तावेज़ किसी भी समय अथवा जहां कहीं भी हों, अनुलंघनीय (Inviolable) रहेंगे।
अनुच्छेद 26
जिस देश में राजदूत व उसके सदस्य हैं, वह देश उन सभी को अपने क्षेत्र में आवागमन एवं यात्रा की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा।
अनुच्छेद 27
दूतावास से संबंधित कोई भी सामग्री, जैसे- कूरियर, डाक, किसी प्रकार का बैग आदि की ना तो तलाशी ली जाएगी और ना ही उसे दूतावास तक पहुँचने से रोका जाएगा।
अनुच्छेद 29
- राजनयिक एजेंट (व्यक्ति) अनुल्लंघनीय होंगे। उसे किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी या हिरासत से छूट प्राप्त होगी।
- जिस देश में राजनयिक है वह देश उसके साथ उचित सम्मान के साथ व्यवहार करेगा और उसके व्यक्तित्व, स्वतंत्रता या गरिमा पर किसी भी हमले को रोकने के लिए सभी उचित कदम उठाएगा।
अनुच्छेद 30
राजनयिक एजेंट के निजी निवास को दूतावास परिसर के समान ही सुरक्षा व अधिकार प्राप्त होगा।
अनुच्छेद 31
एक राजनयिक एजेंट को कुछ अपवादों के साथ उस देश के आपराधिक क्षेत्राधिकार के साथ- साथ नागरिक व प्रशासनिक क्षेत्राधिकार से भी छूट प्राप्त होगी, जहाँ दूतावास स्थित है।
अनुच्छेद 37
किसी राजनयिक एजेंट के परिवार के सदस्य तथा उनके परिवार के दूतावास के प्रशासनिक व तकनीकी कर्मचारी; यदि वे मेज़बान देश के नागरिक नहीं हैं, तो भी उन्हें विशेषाधिकार व उन्मुक्तियां प्राप्त होंगी।
राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय
- राजनयिक संबंधों पर वियना अभिसमय (वर्ष 1961 में हस्ताक्षरित) एक संयुक्त राष्ट्र संधि है।
- यह देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध सुनिश्चित करने और उचित संचार चैनल बनाए रखने के लिए व्यवहार संबंधी कुछ सामान्य सिद्धांत एवं शर्तें निर्धारित करता है।
- प्रभावी : 24 अप्रैल, 1964 से।
- सदस्य
- वर्तमान में 193 देश इस दस्तावेज़ के पक्षकार हैं।
- भारत भी इस समझौते का अनुमोदनकर्ता है।
- प्रावधान : इस समझौते के अंतर्गत राजनयिक संबंधों से संबंधित कुल 53 अनुच्छेद हैं।
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