नेशनल वन हेल्थ मिशन के अंतर्गत महामारी संबंधी तैयारियों का आकलन करने के लिए राजस्थान के अजमेर में पहली बार एक व्यापक राष्ट्रीय मॉक ड्रिल के रूप में ‘विषाणु युद्ध अभ्यास’ (Virus War Exercise) का आयोजन किया गया।
विषाणु युद्ध अभ्यास के बारे में
- उद्देश्य : मानव स्वास्थ्य, पशुपालन एवं वन्यजीव क्षेत्रों के विशेषज्ञों से बनी राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम (NJORT) की तत्परता एवं प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना।
- वास्तविक दुनिया के प्रकोप का अनुकरण करने के लिए एक नकली पशुजन्य रोग प्रकोप (Mock Zoonotic Disease Outbreak) का परिदृश्य निर्मित किया गया था।
- लक्ष्य : मानव एवं पशु आबादी में बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए परीक्षण करना।
- शामिल हितधारक : राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS), पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राजस्थान राज्य प्रशासन आदि।
- लाभ : इस अभ्यास ने सभी प्रासंगिक क्षेत्रों में एक समन्वित दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हुए, जूनोटिक रोग के प्रकोप के प्रति भारत की तैयारियों एवं प्रतिक्रिया को भविष्य की रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की।
- साथ ही, कुछ ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान की गई जिनमें और अधिक सुधार की आवश्यकता है।
- आयोजन : 27 अगस्त से 31 अगस्त, 2024 के दौरान राजस्थान के अजमेर जिले में
नेशनल वन हेल्थ मिशन
- परिचय : यह मिशन मानव, पशुओं एवं पर्यावरण को प्रभावित करने वाली बीमारियों के प्रबंधन के लिए भारत का एकीकृत दृष्टिकोण है।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य जूनोटिक, ट्रांसबाउंड्री पशु रोगों और महामारी क्षमता वाले संक्रामक रोगों को संबोधित करने के लिए मानव, पशु एवं पर्यावरण क्षेत्रों के भीतर एकीकृत रोग निगरानी को लागू करना।
- मिशन के अंतर्गत लक्षित अनुसंधान एवं विकास के रूप में तैयारी के महत्वपूर्ण स्तंभों जैसे टीके, निदान और चिकित्सा जैसे महत्वपूर्ण उपकरण विकसित करना भी शामिल हैं
- इसमें प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का निर्माण और नैदानिक और महामारी विज्ञान डेटा से आने वाली जानकारी को एकीकृत करना, और बीमारियों का समय पर और अधिक सटीक पता लगाने के लिए पर्यावरण निगरानी जैसे नए तरीकों को लागू करना शामिल है।
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