चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ‘इंडिया@2047' के लिये एक रूपरेखा तैयार कर रही है, जिसे इस वर्ष मई तक अंतिम रूप दिया जाना है। यह योजना 'भविष्य के लिये तैयार भारत' के दृष्टिकोण पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2047 भारत की स्वतंत्रता का 100वाँ वर्ष है। सरकार आगामी 25 वर्षों को ध्यान में रखकर लक्ष्य निर्धारित कर रही है।
इंडिया@2047 में शामिल प्रमुख क्षेत्र
- ‘इंडिया@2047' के लिये मुख्य रूप से कृषि, वाणिज्य एवं उद्योग, बुनियादी ढाँचा एवं शहरी अवसंरचना के साथ-साथ सुरक्षा, प्रौद्योगिकी एवं शासन की पहचान की गई है।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पुनर्गठन और विलय तथा 3-4 नए बड़े बैंकों के निर्माण पर भी विचार किया जाएगा।
- 'नए युग की कृषि' में सूक्ष्म सिंचाई और जैविक कृषि का प्रस्ताव है, जो पहाड़ी क्षेत्रों के लिये अनुकूल है। यह भारत को एक शीर्ष निर्यातक बनाने में सहायक है।
उद्देश्य
- भारत के रक्षा क्षेत्र को विदेशी निर्भरता से मुक्त करना और वर्ष 2047 तक विश्व में भारत का विशिष्ट स्थान स्थापित करने के लिये रोडमैप तैयार करना।
- सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विलय या पुनर्गठन से वैश्विक कंपनियों का विकास करना और सेमी-कंडक्टर कॉम्प्लेक्स विकसित करना।
- नागरिक जीवन में सरकार के अनावश्यक हस्तक्षेप को समाप्त करना।
- शहरी बुनियादी ढाँचे का विकास करना और 'भविष्य के लिये तैयार' शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वोत्तम सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के विकासशील संस्थानों, अनुसंधान निकायों एवं थिंक टैंकों को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना।
- क्षेत्रों और राज्यों के बीच असमानताओं का आकलन करके उन्हें कम करने के उपाय करना।
- भारत में विश्व की शीर्ष 10 प्रयोगशालाओं का निर्माण करना और भारत को हरित प्रौद्योगिकी एवं कौशल के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना।