प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, विवाद से विश्वास, विवाद से विश्वास – II मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सरकार और सरकारी उपक्रमों के लंबित संविदा संबंधी विवादों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए 2 अगस्त 2023 को "विवाद से विश्वास II - (संविदात्मक विवाद)" योजना शुरू की है।
मुख्य बिंदु-
- इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य है- निजी क्षेत्र का सरकार के साथ चल रहे विवादों को निपटाना, याचिकाएं खत्म करना और कारोबार सुगमता की स्थिति में सुधार करना।
- बजट 2023-24 पेश करते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि व्यक्तियों की पहचान को अद्यतन करने और मेल-मिलाप के लिए ‘वन-स्टॉप समाधान’ स्थापित किया जाएगा।
- बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि,“सरकार और सरकारी उपक्रमों के संविदात्मक विवादों को निपटाने के लिए, जिसमें मध्यस्थता पुरस्कार को अदालत में चुनौती दी जा रही है, मानकीकृत शर्तों के साथ एक स्वैच्छिक निपटान योजना शुरू की जाएगी।“
योजना के बारे में -
- वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने 29.05.2023 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश बताए गए थे। दावा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31.10.2023 है।
- यह योजना उन सभी घरेलू संविदात्मक विवादों पर लागू होगी जहां एक पक्ष या तो भारत सरकार है या उसके नियंत्रण में काम करने वाला कोई संगठन है।
- योजना के तहत, 30.04.2023 को या उससे पहले पारित न्यायालय पुरस्कारों के लिए ठेकेदार को दी जाने वाली निपटान राशि न्यायालय द्वारा प्रदान की गई/बरकरार रखी गई शुद्ध राशि का 85% तक होगी।
- 31.01.2023 को या उससे पहले पारित मध्यस्थता पुरस्कारों के लिए, प्रस्तावित निपटान राशि प्रदान की गई शुद्ध राशि का 65% तक है।
- केंद्र सरकार ने नई स्वैच्छिक समाधान योजना के तहत करीब 500 मामले निपटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 1 लाख करोड़ रुपये फंसा हुआ है।
- व्यय विभाग द्वारा 29 मई को जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि यह योजना सभी तरह की खरीद पर लागू होगी, जिसमें वस्तुएं, सेवाएं व काम शामिल हैं।
- सरकार की इकाइयों जैसे तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तमाम विवाद निजी ठेकेदारों के साथ हैं।
- व्यय विभाग ने कहा है कि यह योजना सभी अर्निंग कॉन्ट्रैक्ट (जिसमें सरकार वस्तुओं, सेवाओं, अधिकारों आदि के बदले धन पाती है) के साथ सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) व्यवस्था के तहत आने वाले कॉन्ट्रैक्ट पर लागू होगी। पात्र पक्ष इसके लिए सिर्फ सरकार के ई-मार्केटप्लेस के माध्यम से दावे कर सकेंगे।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक समर्पित वेब-पेज विकसित किया है। योग्य दावों को केवल GeM के माध्यम से संसाधित किया जाएगा। रेल मंत्रालय के गैर-जीईएम अनुबंधों के लिए, ठेकेदार आईआरईपीएस (www.ireps.gov.in) पर अपने दावे दर्ज कर सकते हैं।
विवाद से विश्वास योजना-
- इस योजना की शुरुआत केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को की थी।
- इस योजना का उद्देश्य जो प्रत्यक्ष कर विवाद है उनका समाधान करना है।
- जो करदाता हैं,उनको इस योजना के माध्यम से जो विवादित कर की राशि है उसका ही भुगतान करना होगा और इस पर उनको किसी भी प्रकार का कोई ब्याज नहीं देना होगा ।
विवाद से विश्वास योजना के लाभ-
- इस विवाद से विश्वास योजना के तहत स्वघोषणा के जरिए लंबित मामलों का जल्द निपटान होगा।
- विवाद से विश्वास योजना के माध्यम से करदाताओं पर से आयकर विभाग केस हटा लेता है।
- इस योजना के तहत आयकर विभाग पर से कर मामलों का बोझ घटेगा।
- इस योजना के प्रोत्साहन से कर राजस्व में इजाफा होगा।
- कारोबार करना आसान करने यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न - निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हाल ही में सरकार ने "विवाद से विश्वास II - (संविदात्मक विवाद)" योजना शुरू की है।
- इस योजना का कार्यान्वयन विदेश मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है ।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी ‘विवाद से विश्वास’ तथा ‘विवाद से विश्वास- II’ के उद्देश्य स्पष्ट करें। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को किस प्रकार गति प्रदान करेगा? समीक्षा करें।
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