(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
चर्चा में क्यों
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रुपये में द्विपक्षीय व्यापार की अनुमति देने के बाद हाल ही में केंद्र सरकार ने रूसी बैंकों के लिये 'वोस्ट्रो' खाते खोलने की मंजूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- भारत-रूस के मध्य रुपये में विदेशी व्यापार की सुविधा के लिये दो भारतीय बैंकों यूको और इंडसइंड बैंक के साथ नौ विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है।
- रूस के दो सबसे बड़े बैंक - सबरबैंक और वीटीबी बैंक पहले विदेशी ऋणदाता हैं, जिन्हें रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन को निपटाने के लिये केंद्रीय बैंक से मंजूरी मिली है। इन बैंकों ने दिल्ली में अपनी संबंधित शाखाओं में विशेष वास्ट्रो खाता खोला है।
- यूको बैंक, सबरबैंक और वीटीबी में एक-एक खाता जबकि इंडसइंड बैंक में छह खाते खोलने की अनुमति दी गई है।
क्या है वोस्ट्रो खाता
- वोस्ट्रो एक लेटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ ‘आपका’ (Yours) होता है।
- वोस्ट्रो खाता वह खाता है जिसे एक घरेलू बैंक एक विदेशी बैंक की ओर से घरेलू मुद्रा में रखता है। अर्थात् किसी विदेशी बैंक द्वारा भारत में भारतीय मुद्रा में खोला गया खाता वोस्ट्रो खाता कहलाता है।
- जब कोई भारतीय आयातक, किसी विदेशी बैंक को रुपये में भुगतान करना चाहता है, तो यह राशि इस वोस्ट्रो खाते में जमा की जाएगी, और जब किसी भारतीय निर्यातक को माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये भुगतान करने की आवश्यकता होगी, तो इस वोस्ट्रो खाते से कटौती की जाएगी और राशि निर्यातक के खाते में जमा की जाएगी।
क्या है नोस्ट्रो खाता
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- वोस्ट्रो और नोस्ट्रो दोनों तकनीकी रूप से एक ही प्रकार के खाते हैं। इसमें अंतर केवल खाता खोलने की स्थिति का है। नोस्ट्रो का अर्थ लेटिन भाषा में ‘हमारा’ (Ours) होता है।
- यदि किसी बैंक का किसी दूसरे देश में कोई शाखा न होने पर उस देश से धन प्राप्त करने के लिये वहाँ के किसी बैंक में अपना खाता खोला जाता है, उसे नोस्ट्रो खाता कहते है।
- वह विदेशी बैंक भारतीय बैंक के लिये अपने देश की घरेलू मुद्रा में भुगतान स्वीकार करेगा। जैसे रूस में खोला गया खाता रूबल में भुगतान स्वीकार करेगा।
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