(प्रारम्भिक परीक्षा : भारतीय राज्यतंत्र और शासन- राजनितिक प्रणाली)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : शासन व्यस्था)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, चुनाव आयोग ने प्रवासी भारतीयों (एन.आर.आई.) को पोस्टल बैलट (डाक मतपत्र) के माध्यम से विदेश से वोट डालने की अनुमति देने के लिये कानून मंत्रालय को प्रस्ताव सौंपा है।
प्रस्ताव
चुनाव आयोग के प्रस्ताव में सरकार को सूचित किया गया है कि असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले वर्ष होने वाले चुनावों के लिये इलेक्ट्रॉनिक तरीके से डाक मतदान प्रणाली (Electronically Transmitted Postal Ballot System – ETPBS) को लागू करने हेतु ‘तकनीकी और प्रशासनिक’ रूप से तैयार है।
प्रवासी भारतीयों के लिये वर्तमान मतदान प्रक्रिया
- वर्तमान में विदेशों में रह रहे भारतीयों को केवल उनके पासपोर्ट में उल्लेखित निवास स्थान के आधार पर अपने सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने की अनुमति है।
- अब इस नियम को एक बाधा के रूप में देखा जाता है और यही कारण है कि सीमित संख्या में ही प्रवासी भारतीयों ने स्वयं को वोटर के रूप में पंजीकृत कराया हुआ है। इनमें केरल के लोगों की संख्या सर्वाधिक है।
- प्रवासी भारतीय मतदाताओं को पोस्टल बैलट के ज़रिये वोट देने की अनुमति प्रदान करने के लिये केवल कंडक्ट ऑफ़ इलेक्शन रूल्स, 1961 में संशोधन करने की आवश्यकता है।
एन.आर.आई. मतदाताओं की स्थिति
- चुनाव आयोग के अनुसार, भारत में प्रवासी भारतीयों के रूप में लगभग एक लाख मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में लगभग 25,000 लोग भारत आए थे।
- ध्यातव्य है कि सयुंक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय डायस्पोरा की जनसंख्या 16 मिलियन है, जो विश्व में सर्वाधिक है।
एन.आर.आई. के लिये पोस्टल बैलट से मतदान प्रक्रिया
- चुनाव आयोग के प्रस्ताव के अनुसार, चुनाव में पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने में रुचि रखने वाले किसी भी एन.आर.आई. को चुनाव की अधिसूचना के पाँच दिनों के अंदर रिटर्निंग ऑफिसर (आर.ओ.) को सूचित करना होगा।
- सूचना की प्राप्ति पर आर.ओ. द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैलेट पेपर एन.आर.आई. मतदाता को भेजा जाएगा। एन.आर.आई. मतदाता बैलेट पेपर डाउनलोड करने के बाद उसके प्रिंटआउट पर अपनी पसंद के उम्मीदवार को चिन्हित करेंगे।
- इसके पश्चात् इस बैलट पेपर को भारतीय उच्चायोग द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी के माध्यम से घोषणा पत्र के साथ प्रमाणीकृत कर वापस एन.आर.आई. के निवास स्थान पर भेज दिया जाएगा।
- हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि एन.आर.आई. मतदाता स्वयं साधारण डाक के माध्यम से बैलट पेपर को वापस भारत भेजेंगे या विदेश में स्थित भारतीय दूतावास में ही जमा करेंगे।
एन.आर.आई. के लिये पोस्टल बैलट से मतदान प्रक्रिया का विकासक्रम
- पूर्व उद्योग मंत्री नवीन जिंदल और प्रवासी मामलों के मंत्रालय से कई निवेदन प्राप्त करने के बाद चुनाव आयोग ने प्रवासी भारतीयों को विदेशों से वोट देने के लिये वैकल्पिक प्रणाली की तलाश शुरू की। साथ ही, वर्ष 2013 और 2014 में सर्वोच्च न्यायालय में प्रवासी भारतीयों द्वारा इस सम्बंध में तीन रिट याचिकाएँ दायर की गईं।
- वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के पश्चात् एक 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसने मुख्य रूप से तीन विकल्पों - डाक द्वारा मतदान करना, विदेश में भारत के राजनयिक मिशन में मतदान करना और ऑनलाइन मतदान करना, का अध्ययन किया था
- मतदान की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए समिति ने ऑनलाइन मतदान के विकल्प के लिये मना कर दिया था। साथ ही, पर्याप्त संसाधनों के अभाव में विदेशों में भारत के राजनयिक मिशनों पर मतदान करने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया गया।
- अंततः वर्ष 2015 में समिति ने सिफारिश की कि एन.आर.आई. मतदाताओं को व्यक्तिगत रूप से मतदान के स्थान पर ‘ई-पोस्टल बैलट और प्रॉक्सी वोटिंग को अतिरिक्त विकल्प’ के रूप में उपलब्ध करवाना चाहिये।