प्रारम्भिक परीक्षा – वॉयेजर मिशन मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र - 3 |
चर्चा में क्यों
एक सप्ताह से अधिक समय तक संपर्क टूटने के बाद नासा ने 1 अगस्त 2023 को वॉयेजर-2 अंतरिक्ष यान से एक सिग्नल प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- 46 साल पहले वॉयेजर-2 को लॉन्च किया गया था। यह फिलहाल इंटरस्टेलर स्पेस में है।
- वॉयेजर मिशन की शुरुआत 1977 में की गई थी। इसमें दो उपग्रह वॉयेजर-1 और वॉयेजर-2।
- वॉयेजर-1 के साथ इसने बहुमूल्य डेटा प्रदान किया है और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को प्रेरित किया है।
- वॉयेजर-2 पृथ्वी से लगभग 19.9 बिलियन किलोमीटर दूर है और अभी भी काम कर रहा है।
- 21 जुलाई को जांच के लिए भेजे गए एक कमांड के कारण इसका एंटीना पृथ्वी से 2 डिग्री दूर चला गया। परिणाम स्वरूप पृथ्वी पर डेटा भेजने में असमर्थ हो गया।
- वॉयेजर- 2 अंतरतारकीय अंतरिक्ष (interstellar space) में प्रवेश करने वाला दूसरा अंतरिक्ष यान है ।
- अंतरतारकीय अंतरिक्ष (interstellar space) वह क्षेत्र है जो सूर्य की चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से बाहर है।
वॉयेजर मिशन का उद्देश्य
- वॉयेजर मिशन का उद्देश्य सौर मंडल का अन्वेषण तथा बाहरी ग्रहों पर सूर्य के प्रभाव क्षेत्र और उससे आगे तक विस्तारित करना है।
- बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना।
वॉयेजर अंतरिक्ष यान की विशेषताएं
- वॉयेजर- 1 और वॉयेजर- 2 एक जैसे अंतरिक्ष यान हैं। उनमें से प्रत्येक 10 अलग-अलग प्रयोग करने के लिए उपकरणों से सुसज्जित है।
- इन उपकरणों में टेलीविजन कैमरे, अवरक्त एवं पराबैंगनी सेंसर, मैग्नेटोमीटर, प्लाज्मा डिटेक्टर , कॉस्मिक-रे और चार्ज-कण सेंसर आदि शामिल है।
- एक बड़ा एंटीना लगा है, जिसका उपयोग पृथ्वी से कमांड प्राप्त करने और उनके निष्कर्षों को वापस भेजने के लिए किया जाता है।
- यह सौर ऊर्जा के बजाय वॉयेजर एक छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र जो प्लूटोनियम की एक गोली के रेडियोधर्मी क्षय से सैकड़ों वाट ऊर्जा प्राप्त करता है।
- वॉयेजर अंतरिक्ष यान में एक फोनोग्राफ लगाया गया है।
- इसके अलावा नासा के लिए चयनित रिकॉर्ड की सामग्री में से 115 एनालॉग-एनकोडेड छवियां एवं विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक ध्वनियां शामिल हैं।
- 55 भाषाओं में बोले गए अभिवादन।
- तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के मुद्रित संदेश।
वॉयेजर मिशन की उपलब्धियाँ
- अपने प्रक्षेपण के पंद्रह महीने बाद वॉयेजर -1, 5 मार्च 1979 को अपने पहले लक्ष्य ग्रह बृहस्पति पर पहुंचा और उसके तुरंत बाद वॉयेजर – 2, 9 जुलाई को वहां पहुंचा।
- वॉयेजर-1 अंतरतारकीय अंतरिक्ष में जाने वाली पहली मानव निर्मित वस्तु है।
- वॉयेजर -1 ने बृहस्पति और दो नए जोवियन चंद्रमाओं: थेबे और मेटिस के चारों ओर एक पतली अंगूठी की खोज की।
- शनि पर वॉयेजर 1 को पांच नए चंद्रमा और एक नया वलय मिला जिसे जी-रिंग कहा जाता है।
- वॉयेजर -1 ने बृहस्पति के चंद्रमाओं में से एक पर सक्रिय ज्वालामुखियों की उपस्थिति का पता लगाया।
- वॉयेजर -1 और वॉयेजर -2 ने बृहस्पति के तीन नए चंद्रमाओं की खोज की: थेबे, मेटिस और एड्रैस्टिया।
- वॉयेजर -1 ने पाया कि सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा बृहस्पति का गेनीमेड है।
- टाइटन के वातावरण 90 प्रतिशत नाइट्रोजन से बना है तथा इसमें मीथेन भी उपस्थित है।
- वॉयेजर -2, 1986 में यूरेनस पर पहुंचा, जो एक्वामरीन ग्रह (aquamarine planet) के पास से उड़ान भरने वाली पहली मानव निर्मित वस्तु बन गई।
- यूरेनस के मुख्य घटक के रूप में हाइड्रोजन और हीलियम की पुष्टि की।
- 10 नए चंद्रमाओं और दो नए छल्लों की भी खोज की।
- नेपच्यून पर हवाएं 1,100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं, को भी बताया।
- अंतरिक्ष यान ने ग्रेट डार्क स्पॉट का भी अवलोकन किया।
- यह नेप्च्यून के दक्षिण में एक विशाल तूफान था और इसका आकार लगभग पूरी पृथ्वी के बराबर था।
- नेप्च्यून के बाद वॉयेजर -1 की तरह वॉयेजर-2 को भी सौर मंडल से बाहर चला गया।
- वॉयेजर-1 ने आधिकारिक तौर पर अगस्त 2012 में इंटरस्टेलर स्पेस में प्रवेश किया वॉयेजर-2 ने नवंबर 2018 में प्रवेश किया।
- यान ने अंतरतारकीय अंतरिक्ष (interstellar space) में प्रवेश किया जो सूर्य से 18 अरब किलोमीटर की दूरी पर है।
प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- वॉयेजर मिशन का उद्देश्य बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून के बारे में जानकारी प्राप्त करना।
- वॉयेजर मिशन की शुरुआत 1977 में की गई थी।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल कथन 1
(b) केवल कथन 2
(c) कथन 1 और कथन 2
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर : (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : वॉयेजर मिशन से प्राप्त जानकारी से अंतरिक्ष अनुसन्धान को नया आयाम प्राप्त हो सकता है। चर्चा कीजिए।
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