विश्व वन्यजीव कोष-भारत(WWF-India) देश में गिद्धों की संख्या का आकलन करने के लिए वल्चर काउंट 2024 कार्यक्रम शुरू करेगा
यह अभियान 7 सितंबर से 6 अक्टूबर तक चलेगा।
इसका मुख्य उद्देश्य गिद्धों की गिनती करना और इनके बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
गिद्ध
ये संक्रमण नियंत्रण के प्राकृतिक तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
संक्रमित शवों पर खाना खाने के बावजूद गिद्ध संक्रमित नहीं होते हैं, क्योंकि इनके पेट में मौजूद एसिड पैथोजन को मारने के लिए काफी ताकतवर होता है।
ये हीमोग्लोबिन और ह्दय की विशेष संरचना के कारण असाधारण वातावरण में भी सांस ले सकते हैं।
भारत में गिद्ध
भारत में गिद्धों की 9 प्रजातियां पाई जाती है –
ओरिएंटल व्हाइट बैकड (Oriental White Backed) गिद्ध
लॉन्ग बिल्ड (Long Billed) गिद्ध
स्लेंडर-बिल्ड (Slender Billed) गिद्ध
हिमालयन (Himalayan) गिद्ध
रेड हेडेड (Red Headed) गिद्ध
मिस्र देशीय (Egyptian) गिद्ध
बियरडेड (Bearded) गिद्ध
सिनेरियस (Cinereous) गिद्ध
यूरेशियन ग्रिफॉन (Eurasian Griffon) गिद्ध
संरक्षण स्थिति
भारत में गिद्धों की तीन प्रजातियाँ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित हैं। - बियरडेड, लॉन्ग बिल्ड और ओरिएंटल व्हाइट बैकड।
अन्य 6 प्रजातियाँ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम अनुसूची IV के तहत संरक्षित हैं। - सिनेरियस, यूरेशियन ग्रिफॉन, हिमालयन, रेड हेडेड, मिस्र देशीय तथा स्लेंडर बिल्ड।
प्रश्न - वल्चर काउंट 2024 कार्यक्रम संचालित होगा ?