हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा वेनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी दी गयी है।
वेनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ो परियोजना के बारे में
- प्रस्तावित परियोजना : गोदावरी नदी की सहायक नदी वेनगंगा को तापी नदी की सहायक नदी नलगंगा से जोड़ा जाना है।
- इस परियोजना में भंडारा में वेनगंगा नदी पर बने गोसीखुर्द बांध के पानी को नहरों और पाइपलाइनों के 427 किलोमीटर लंबे नेटवर्क के माध्यम से बुलढाणा में नलगंगा नदी तक लाया जाना है।
- उद्देश्य : विदर्भ के अधिकांश सूखाग्रस्त क्षेत्रों में सिंचाई की समस्या का समाधान करना।
- इस परियोजना से नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला और बुलढाणा के पंद्रह तालुकाओं तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
- परियोजना के तहत पानी का इस्तेमाल पीने के साथ-साथ औद्योगिक उपयोग के लिए भी किया जा सकेगा।
- लागत : वर्तमान अनुमानित लागत ₹85,575 करोड़।
वेनगंगा
- उद्गम : मध्य प्रदेश के सतपुड़ा रेंज की महादेव पहाड़ी।
- अपवाह क्षेत्र : लगभग 580 किमी लंबी यह नदी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों से होकर दक्षिण की ओर बहती है।
- संगम : वर्धा नदी में मिलने के बाद इस संयुक्त धारा को प्राणहिता के रूप में गोदावरी से मिलती है।
- सहायक नदियाँ : थेल, थानवार, गढ़वी, हिर्री, चंदन और बावनथरी आदि।
गोदावरी नदी
- प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी, जिसे दक्षिण गंगा भी कहा जाता है।
- उद्गम : महाराष्ट्र में नासिक ज़िले के त्रयंबक पहाड़ी।
- लम्बाई : 1465 किमी.।
- सहायक नदियाँ : प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा।
- मुहाना : यह राजमुन्द्री के समीप बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती और डेल्टा का निर्माण करती है।
नलगंगा नदी
- नलगंगा नदी विदर्भ के बुलढाणा जिलों से होकर बहती है। इस मोताला तालुका में नलगंगा बांध बनाया गया है।
- यह तापी की प्रमुख सहायक पूर्णा नदी नदी के बाएँ तट पर मिलती है।
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