वर्तमान अव्यवस्थित जीवन शैली के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए ‘वाटर फास्टिंग’ पद चर्चा में हैं। इससे तेजी से वजन कम करने में सहायता मिलती है।
क्या है वाटर फास्टिंग
- वाटर फास्टिंग में एक निश्चित अवधि के लिए केवल पानी पीना शामिल है। यह अवधि आमतौर पर 24 से 72 घंटे तक हो सकती है।
- इस दौरान कोई अन्य भोजन या पेय पदार्थ नहीं लिया जाता है।
- वाटर फास्टिंग के दौरान शरीर कीटोसिस की स्थिति में प्रवेश करता है।
- इस स्थिति में कार्बोहाइड्रेट एवं शर्करा की अनुपस्थिति में ऊर्जा के लिए वसा का उपयोग होता है, जिससे वजन कम होता है।
- यह कोई नई अवधारणा नहीं है। इसकी जड़ें विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रथाओं में प्राय: धार्मिक या आध्यात्मिक शुद्धि से जुड़ी हुई हैं।
- हालाँकि, हाल के वर्षों में इसके संभावित स्वास्थ्य लाभों के लिए स्वास्थ्य देखभाल समुदाय में इसका प्रचलन बढ़ गया है।
वाटर फास्टिंग के लाभ
- रक्त शर्करा स्तर में सुधार
- उच्च रक्तचाप एवं कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार
- मोटापे में कमी
- कोशिकाओं का पुनर्चक्रण
- मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में वृद्धि
वाटर फास्टिंग से हानि
- निर्जलीकरण का खतरा
- मेटाबॉलिज्म पर प्रतिकूल प्रभाव
- मांसपेशियों का ह्रास
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन