संदर्भ
हाल ही में, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एक बहु-अनुशासनात्मक तकनीकी समिति ने राज्यों को क्षेत्रीय स्तर के समाधान प्रदान करने के लिये पेयजल और स्वच्छता से संबंधित पाँच तकनीकों की सिफारिश की है।
समिति द्वारा की गई सिफारिशें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी उपयुक्तता और आवश्यकता के आधार पर प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने में मदद करेंगी। तकनीकी समिति द्वारा विचार और अनुशंसा से पहले इन तकनीकों का विभिन्न स्तर पर मूल्यांकन किया गया था। समिति ने क्षेत्रीय स्तर के समाधान प्रदान करने के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आवेदन पर ध्यान केंद्रित किया है, जो राज्यों में कार्यान्वयन एजेंसियों के लिये सहायक होगा।
बहु-अनुशासनात्मक तकनीकी समिति
- इसकी अध्यक्षता भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा की जाती है तथा इसके अन्य सदस्य नीति आयोग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सी.एस.आई.आर, डी.आर.डी.ओ, आई.आई.टी, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान और राज्य विभागों से होते हैं।
- समिति द्वारा निम्नलिखित पाँच तकनीकों की सिफारिश की गई है-
- ग्रुंडफॉस एक्यूप्योर (Grundfos AQpure)- यह सौर ऊर्जा द्वारा संचालित जल उपचार संयंत्र है, जो अल्ट्रा-फिल्ट्रेशन पर आधारित है।
- जन-जल वॉटर ऑन व्हील- यह आई.ओ.टी. आधारित इलेक्ट्रिक वाहन होगा, जो घरों के दरवाजे तक सुरक्षित पानी पहुंचाने के लिये जी.पी.एस. का उपयोग करेगा।
- प्रेस्टो ऑनलाइन क्लोरीनेटर- यह एक गैर-विद्युत आधारित ऑनलाइन क्लोरीनेटर है जो जीवाणु प्रदूषण को हटाने के लिये पानी का कीटाणु शोधन करता है।
- जोहकासो तकनीक (Johkasou technology) अवायवीय-वायवीय विन्यास पर आधारित जल उपचार प्रणाली है, जो इनबिल्ट सीवेज, रसोई और स्नानगार जल को शुद्ध करने में सक्षम है। इसे भूमिगत रूप से स्थापित किया जा सकता है।
- एफ.बी.टी.ई.सी. (FBTec)- यह फिक्स्ड फिल्टर मीडिया का उपयोग कर विकेंद्रीकृत सीवेज उपचार प्रणाली को एकत्रित कर तैयार की गई एक साइट है।
- गौरतलब है कि जल शक्ति मंत्रालय जल जीवन मिशन के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के तहत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने के लिये प्रयासरत् है।