चर्चा में क्यों?
- हाल ही में दिल्ली के आस पास के क्षेत्रों में जनवरी में बारिश देखने को मिली। IMD ने शीत ऋतु में हुई अचानक इस बारिश का कारण पश्चिमी विक्षोभ को बताया है।
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance)
- वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbance) या पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय -क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली वह बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधी है।
- भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ़ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर वर्षण करती है।
- यह जाड़ों में भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भागों में अकस्मात् बरसात ले आती है।
- यह एक गैर-मानसूनी वर्षा का स्वरूप है जो पछुवा पवन (वेस्टर्लीज) द्वारा संचालित होता है।
- भारतीय महाद्वीप में जब ऐसी आंधी हिमालय तक पहुंचती है तो आर्द्रता कभी-कभी बरसात या हिमपात के रूप में बदल जाती है।
बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियाँ (Extratropical storms)
- बाह्य-उष्णकटिबंधीय आंधियाँ (Extratropical storms) विश्व में सब जगह होती हैं।
- इनमें आर्द्रता सामान्यतः ऊपरी वायुमंडल तक पहुँच जाती है जबकि उष्णकटिबंधीय आँधियों में आर्द्रता निचले वायुमंडल में बनी रहती है।
पश्चिमी विक्षोभ का निर्माण
- पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) एक बाह्य उष्णकटिबंधीय चक्रवात के रूप में भूमध्यसागर में जन्म लेता है।
- यूरोप और आस-पास के क्षेत्र में एक उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है। वायुमंडलीय परिसंचरण के कारण ध्रुवीय क्षेत्रों से ठंडी हवा तुलनात्मक रूप से गर्म और उच्च आर्द्रतायुक्त हवा वाले क्षेत्र की ओर आती हैं।
- फलस्वरूप ऊपरी वायुमंडल में चक्रवात उत्पन्न (cyclogenesis) करने के लिए एक उपयुक्त स्थिति (निम्न दाब) बन जाती है।
- यह दाब सब-ट्रापिकल जेट स्ट्रीम के प्रभाव के कारण धीरे-धीरे मध्य-पूर्व से बढ़ता हुआ ईरान, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान होता हुआ भारतीय महाद्वीप में प्रवेश कर जाता है।
प्रभाव
- पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप के निचले क्षेत्रों में हल्की से भारी वर्षा और पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात लाने में सहायक होता है।
- जब पश्चिमी विक्षोभ आता है तो आकाश में बादल छा जाते हैं और रात में तापमान अधिक हो जाता है और असमय वर्षा होती है।
- इस वर्षा का खेती के लिए, विशेषकर रबी फसलों के लिए, बड़ा महत्त्व है।
- इससे गेहूँ को लाभ होता है जो भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण फसल है और जिसका भारत की खाद्य सुरक्षा में बड़ा योगदान है।
- यदि पश्चिमी विक्षोभ से अधिक वर्षा हो गयी तो फसल नष्ट भी हो सकती है तथा साथ ही भूस्खलन, हिमस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएँ भी घट सकती हैं।
- गंगा-यमुना के मैदानों में इससे कभी-कभी ठंडी हवाएं चलनी लगती हैं और घाना कुहासा छा जाता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना 1875 में हुई थी। यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है।
- यह मौसम संबंधी टिप्पणियों, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिए जिम्मेदार प्रमुख एजेंसी है।
- आईएमडी विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
- नई दिल्ली में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (RSMC) उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए जिम्मेदार है।
- मुख्यालय: नई दिल्ली
उद्देश्य
- कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन, अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिए मौसम संबंधी अवलोकन करना और वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, नॉरवेस्टर, धूल भरी आंधी, भारी बारिश और हिमपात, ठंड और गर्मी की लहरें आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं के खिलाफ चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश का कारण बनती हैं।
- आईएमडी को कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, तेल की खोज और अन्य राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आंकड़े प्रदान करने का अधिकार है।
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन और प्रचार करना।
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