प्रारम्भिक परीक्षा: कृत्रिम बुद्धिमत्ता मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव। |
संदर्भ
- हाल ही में, ब्रिटिश शोधकर्ता और अकादमिक ज्योफ्री हिंटन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में चेतावनी देते हुए Google के साथ अपने लगभग एक दशक लंबे जुड़ाव को समाप्त कर दिया है।
- ज्योफ्री हिंटन, जिन्हें कृत्रिम बुद्धिमत्ता के गॉडफादर के रूप में जाना जाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) क्या है?
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है, जो कंप्यूटर को इंसानों की तरह व्यवहार करने में समर्थ बनाती है।
- इसके द्वारा मशीनों में सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने संबंधी क्षमताओं का विकास किया जाता है।
- जॉन मैकार्थी इसके जनक माने जाते हैं।
जेफ्री हिंटन कौन हैं ?
- जेफ्री हिंटन का जन्म ब्रिटेन में हुआ।
- इन्होंने वर्ष 1978 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी की।
- वर्ष 1980 के दशक में, संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकांश AI अनुसंधान अमेरिकी सेना द्वारा वित्त पोषित किए जा रहे थे।
- हिंटन ने युद्ध के मैदान में AI का उपयोग करने के लिए अनुसंधान में योगदान देने का विरोध किया और इसके बाद वह कनाडा चले गए।
- इन्होंने मशीन लर्निंग पर कई अकादमिक पत्र लिखें और फिर वर्ष 2013 में वह वीपी इंजीनियरिंग फेलो के रूप में Google के साथ पार्ट टाइम काम करने के लिए जुड़े।
AI के विकास में जेफ्री हिंटन का क्या योगदान है ?
- वर्ष 1972 में एक इंटरव्यू में जेफ्री हिंटन ने कहा "एक तंत्रिका नेटवर्क (Neural Network) विकसित किया जा सकता है, जैसे कि मानव मस्तिष्क अपने न्यूरॉन्स या तंत्रिका कोशिकाओं के नेटवर्क के साथ काम करता है उसी प्रकार से एक मशीन भी विकसित किया जा सकता है।
- AI को लेकर जेफ्री हिंटन को उनकी पहली सफलता वर्ष 2012 में मिली और उस दौरान हिंटन ने दो ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के साथ मिलकर AI आधारित ऐसे एल्गोरिथम को विकसित किया था जो इमेज के विश्लेषण करने और कॉमन एलिमेंट को पहचानने में सक्षम था।
- वर्ष 2018 में हिंटन ने समझाया कि 'न्यूरल नेटवर्क' शब्द का अर्थ "अपेक्षाकृत सरल कंप्यूटिंग तत्वों की परतों से बना सिस्टम है, जिसे 'न्यूरॉन्स' कहा जाता है, जो कंप्यूटर में सिम्युलेटेड हैं।
- ये "न्यूरॉन्स" मानव मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के समान दिखते हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।
- डॉ. हिंटन की डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क पर रिसर्च ने ही आज के पॉपुलर AI सिस्टम की नींव रखी है ChatGPT जैसे पॉपुलर AI बॉट्स तक का रास्ता हिंटन ने खोजा था।
जेफ्री हिंटन ने AI को लेकर क्या चिंताएं व्यक्त की ?
- जेफ्री हिंटन ने कहा, 'जहां तक मैं कह सकता हूं, फिलहाल AI हमसे ज्यादा बुद्धिमान नहीं हैं, लेकिन मेरा मानना है कि वे जल्द ही हमसे ज़्यादा बुद्दिमान हो जाएंगे”।
- फिलहाल हम GPT-4 जैसी चीजें देख रहे हैं, जो सामान्य ज्ञान के मामले में एक आम आदमी को मात दे सकते हैं हालांकि, ये रीजनिंग के मामले में उतने बेहतर नहीं हैं, लेकिन ये सिंपल रीजनिंग जरूर कर रहे हैं।
- उन्होंने बताया, 'प्रोग्रेस के रेट को देखते हुए उम्मीद है कि चीजें तेजी से बेहतर होंगी और हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लाभ क्या हो सकता है ?
कृषि
- AI कृषि डेटा का विश्लेषण करने में मदद करता है।
महामारी से निपटने में सहायक
- कोविड -19 प्रतिक्रिया के लिए, संचार सुनिश्चित करने के लिये MyGov द्वारा AI- सक्षम चैटबॉट का उपयोग किया गया था।
स्वास्थ्य देखभाल
- विभिन्न रोगी विशेषताओं और उपचार संदर्भ के आधार पर रोगी पर कौन से उपचार प्रोटोकॉल सफल होने की संभावना है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से हानि क्या हो सकती है ?
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता का दुरुपयोग किसी भयानक घटना को अंजाम देने में किया जा सकता है।
- कृत्रिम बुद्धियुक्त मशीनों के खराब हो जाने की स्थिति में उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का अधूरा रह जाने की संभावना रहती है।
- कृत्रिम बुद्धियुक्त मशीनों के खराब हो जाने की स्थिति में उनके सॉफ्टवेयर को बदलना महंगा होता है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता में मानवीय संवेदना का अभाव होता है एवं इससे मनुष्य की गुणवत्ता की अनदेखी का खतरा बना रहता है।
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने से संबंधित पहलें
- नीति आयोग ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर ‘सामाजिक सशक्तीकरण के लिये ज़िम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2020’ (RAISE 2020) नामक एक मेगा वर्चुअल समिट का आयोजन किया था।
- उद्देश्य - भारत में सामाजिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा देना।
- भारत में ‘युवाओं के लिये जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रम’ का भी शुभारंभ किया गया है।
- उद्देश्य- भारत के ग्रामीण शहरी तथा दूर सुदूर के क्षेत्रों में निवास करने वाले समस्त भारतीय युवाओं को ऐसे अवसर प्रदान करना।
- भारत सरकार ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर एक ‘यूएस इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहल’ (USIAI) का शुभारंभ किया।
- उद्देश्य- दोनों देशों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित संबंधों को बढ़ावा देना।
- वर्ष 2020 में, भारत एक विश्व स्तरीय समूह ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी’ (GPAI) में शामिल हुआ।
- इस समूह का उद्देश्य- कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के माध्यम से जिम्मेदार तरीके से मानव-केंद्रित विकास को प्रोत्साहित करना तथा उसके उपयोग को बढ़ावा देना।
- भारत के ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा एक ‘दक्ष’ (Daksh) नामक रोबोट तैयार किया।
- देश का पहला एंटी टेरर रोबोट है।
- इसका उपयोग खतरनाक वस्तुओं (IED, Bombs) को सुरक्षित रूप से खोजने और नष्ट करने के लिए किया जाता है।
- कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित ‘भारतीय विज्ञान संस्थान’ (IISc) के शोधकर्ताओं ने एक ‘कृत्रिम पत्ती’ (Artificial Leaf) का विकास किया है।
- यह पत्ती प्राकृतिक पत्ती की तुलना में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की अधिक क्षमता रखती है।
डेली अभ्यास प्रश्न
प्रश्न - विकास की वर्तमान स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है ?
- औद्योगिक इकाइयों में विद्युत् की खपत कम करना
- सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना
- रोगों का निदान
- टेक्स्ट से स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन
- विद्युत् ऊर्जा का बेतार संचरण
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
- केवल 1, 2, 3 और 5
- केवल 1, 3 और 4
- केवल 2, 4 और 5
- 1, 2, 3, 4 और 5
उत्तर: D
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