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एग्री-टेक क्या है ? भारत में एग्री-टेक की आवश्यकता

एग्री-टेक क्या है ?

  • एग्री-टेक (Agri-Tech - Agricultural Technology) का तात्पर्य कृषि में डिजिटल उपकरणों (Digital Tools) और नवाचारों (Innovations) के उपयोग से है, जिसका उद्देश्य उत्पादकता (Productivity), स्थिरता (Sustainability) और लाभप्रदता (Profitability) को बढ़ाना है। 
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ड्रोन, ब्लॉकचेन और मोबाइल ऐप जैसी तकनीकों के माध्यम से यह भारत की पारंपरिक कृषि को डेटा-संचालित, जलवायु-समर्थ (Climate-Smart) और बाजार-उन्मुख (Market-Oriented) बनाने में मदद कर रहा है।

भारत में एग्री-टेक की आवश्यकता (Need for Agri-Tech in India)क्यों है ?

चुनौती (Challenge)

प्रासंगिकता (Relevance)

लघु भूमि जोत (Small Land Holdings)

85% किसान 2 हेक्टेयर से कम भूमि के मालिक हैं, दक्ष उपयोग आवश्यक है।

कम उत्पादकता (Low Productivity)

भारत की कृषि उत्पादकता वैश्विक औसत से कम है।

जलवायु जोखिम (Climate Vulnerability)

अनियमित वर्षा, हीटवेव, बाढ़ जैसी समस्याएँ फसलों को नुकसान पहुंचाती हैं।

श्रमिकों की कमी (Labour Shortage)

ग्रामीण-शहरी पलायन के कारण कृषि श्रमिकों की संख्या घट रही है।

उपरांत कटाई नुकसान (Post-Harvest Losses)

भंडारण व लॉजिस्टिक्स की कमी से 15–20% खाद्य हानि होती है।

बाजार की समस्याएँ (Market Gaps)

बिचौलियों की भूमिका, खंडित आपूर्ति श्रृंखला, अनुचित मूल्य निर्धारण।

कृषि में प्रमुख तकनीकी उपयोग (Key Applications of Technology in Agriculture):

प्रौद्योगिकी (Technology)

उपयोग (Application)

ड्रोन (Drones)

फसल स्वास्थ्य निगरानी, कीटनाशक छिड़काव, क्षेत्र निगरानी।

आईओटी सेंसर (IoT Sensors)

मृदा नमी, तापमान, पोषण तत्वों की रीयल-टाइम ट्रैकिंग।

एआई/एमएल (AI & ML)

उपज पूर्वानुमान, कीट पहचान, जलवायु प्रभाव मॉडलिंग।

जीआईएस/जीपीएस (GIS & GPS)

सटीक कृषि, सिंचाई योजना, भूमि मानचित्रण।

मोबाइल ऐप्स (Mobile Apps)

बाजार मूल्य, सलाह, सरकारी योजनाओं की जानकारी।

ब्लॉकचेन (Blockchain)

पारदर्शी आपूर्ति श्रृंखला, फार्म-टू-फोर्क ट्रेसबिलिटी।

रोबोटिक्स (Robotics)

स्वचालित कटाई, निराई-गुड़ाई, बुवाई।

एग्री ई-मार्केटप्लेस (Agri e-Marketplaces)

प्रत्यक्ष बाजार लिंक (eNAM, AgriBazaar)।

एग्री-टेक से संबंधित सरकारी पहल (Key Government Initiatives Supporting Agri-Tech):

  • डिजिटल कृषि मिशन (Digital Agriculture Mission 2021–2025): AI, IoT, ड्रोन और ब्लॉकचेन के उपयोग को बढ़ावा; स्टार्ट-अप्स के साथ PPP।
  • IDEA (India Digital Ecosystem for Agriculture): आधार-आधारित एकीकृत किसान डेटाबेस; व्यक्तिगत सेवाएँ।
  • एग्रीस्टैक (AgriStack): भूमि अभिलेख, मृदा स्वास्थ्य, मौसम व फसल डेटा का एकत्रीकरण।
  • फसल परियोजना (FASAL Project): उपग्रह डेटा और कृषि-मौसम विज्ञान के माध्यम से फसल पूर्वानुमान।
  • किसान परियोजना (KISAN Project): सटीक बीमा हेतु जियो-सूचना और स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग।
  • एग्रीकल्चरल डेटा एक्सचेंज (ADeX): पहला डेटा प्लेटफॉर्म – किसान पहचान, जियोटैग्ड खेत, बुवाई डेटा।
  • कृषि एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC): AI, GIS और रीयल-टाइम डेटा आधारित निर्णय।

प्रमुख भारतीय एग्री-टेक स्टार्टअप्स (Notable Indian Agri-Tech Startups):

स्टार्टअप

मुख्य क्षेत्र (Focus Area)

देहात (DeHaat)

संपूर्ण कृषि समाधान – इनपुट्स, सलाह, बाजार।

निंजाकार्ट (NinjaCart)

किसान और रिटेलर्स के बीच आपूर्ति श्रृंखला।

क्रॉपइन (CropIn)

एआई आधारित कृषि विश्लेषण और बुद्धिमत्ता।

फसल (Fasal)

मौसम, सिंचाई और फसल स्वास्थ्य हेतु IoT।

स्टेलैप्स (Stellapps)

डेयरी आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में तकनीक।

एग्नेक्स्ट (AgNext)

खाद्य और फसलों की गुणवत्ता का AI आधारित विश्लेषण।

एग्री-टेक और सतत विकास लक्ष्य (Agri-Tech & Sustainable Development Goals – SDGs):

SDG

योगदान (Contribution)

SDG-1

गरीबी उन्मूलन – किसानों की आय में वृद्धि।

SDG-2

भूखमरी खत्म करना – खाद्य सुरक्षा में सुधार।

SDG-9

नवाचार और आधारभूत संरचना – अनुसंधान व तकनीक को बढ़ावा।

SDG-13

जलवायु कार्यवाही – जलवायु लचीली कृषि को सक्षम करना।

एग्री-टेक का भारत में प्रभाव (Impact So Far):

  • सटीक कृषि से 15–30% तक उपज वृद्धि।
  • स्मार्ट सिंचाई से 30–50% जल की बचत।
  • स्वचालन से 40–60% श्रम की बचत।
  • प्रत्यक्ष बाजार पहुंच और डेटा-संचालित सलाह से किसानों की आय में वृद्धि।

एग्री-टेक को अपनाने में चुनौतियाँ (Challenges in Adoption):

  • ग्रामीण किसानों में डिजिटल साक्षरता की कमी।
  • दूरदराज क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की कमी।
  • ड्रोन, सेंसर जैसी तकनीकों की उच्च लागत।
  • बंटे हुए खेत, तकनीकी विस्तार में बाधा।
  • फील्ड में परीक्षण की कमी से अविश्वास।
  • किसान डेटा की गोपनीयता (Data Privacy) पर चिंता।

एग्री-टेक से संबंधित भविष्य की राह  (Way Forward):

क्षेत्र (Area)

सिफारिश (Recommendation)

स्थानीय समाधान

स्थानीय भाषाओं में ऐप्स, क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार तकनीक।

PPP मॉडल

सरकारी योजनाओं और निजी नवाचारों को जोड़ना।

प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के माध्यम से डिजिटल साक्षरता।

वित्त पोषण

KCC, AIF, ड्रोन/सेंसर पर सब्सिडी।

अवसंरचना

ग्रामीण भारत में इंटरनेट, लॉजिस्टिक्स, बिजली की स्थिति सुधारना।

एकीकरण

भूमि, फसल, मौसम और क्रेडिट डेटा को जोड़ने वाले एकीकृत प्लेटफॉर्म।

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