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क्या है यूरोपीय संघ का फ्रीडम ज़ोन

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सामायिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र : 2, अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम) 

संदर्भ

  • हाल ही में, यूरोपीय संसद ने पूरे 27 सदस्यीय ब्लॉक को प्रतीकात्मक रूप से ‘एल जी बी टी आई क्यू फ्रीडम ज़ोन’ (LGBTIQ Freedom Zone) घोषित किया है। 
  • ध्यातव्य है कि यूरोपीय संघ के 27 में से 23 देशों ने समलैंगिक संबंधों और 16 देशों ने कानूनी रूप से समलैंगिक विवाह को मान्यता दी हुई है। 

प्रमुख बिंदु

  • यूरोपीय संघ ने यह कदम पोलैंड के विवादास्पद रुख के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप उठाया है।
  • ध्यातव्य है कि पोलैंड ने वर्ष 2019 के बाद से अब तक100 से अधिक " एल जी बी टी आई क्यू विचार धारा-मुक्त क्षेत्र" स्थापित किये हैं। अर्थात् इन क्षेत्रों को इस समुदाय से जुड़ी विचार धारा से दूर रखने का प्रयास किया जाएगा।
  • यूरोपीय संघ का यह कदम इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि हंगरी और पोलैंड जैसे देशों में में एल जी बी टी आई क्यू समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन हो रहा है।

पोलैंड और हंगरी में एल जीबी टी आई क्यू समुदाय की स्थिति

  • पोलैंड में समलैंगिक संबंधों को मान्यता नहीं प्राप्त है।
  • पोलैंड के राष्ट्रपति ने पिछले वर्ष कहा था कि सोवियत संघ द्वारा देश पर थोपे गए साम्यवाद की तुलना में एल जी बी टी आई क्यू विचार धारा अधिक विनाशकारी है।
  • पोलैंड में समलैंगिक जोड़ों को बच्चे गोद लेने का अधिकार नहीं है , ऐसे में कई जोड़ों ने एकल माता-पिता के रूप में बच्चे गोद लेने के लिये आवेदन करना शुरू कर दिया था।लेकिन पोलैंड अब आवेदकों की पृष्ठभूमि की जाँच कर इस प्रकार के प्रक्रियागत दोषों को दूर करने की कोशिश कर रहा है।
  • नए प्रस्तावित कानून के अनुसार, जो लोग समलैंगिक संबंध में रहते हुए एकल माता-पिता के रूप में आवेदन करते पाए जाएंगे,उन पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
  • ध्यातव्य है कि, मार्च 2019 के बाद से पोलैंड में 100 से अधिक क्षेत्रों, काउंटी और नगर पालिकाओं ने स्वयं को ‘एल जी बी टी आई क्यू विचार धारा’ से मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
  • इन सभी क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन को एल जी बी टी आई क्यू लोगों के प्रति किसी भी प्रकार की सहिष्णुता न दिखाने व समानता की बात करने वाले संगठनों की वित्तीय सहायता रोकने का दबाव बनाया जाता है।
  • यूरोपीय संघ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इन क्षेत्रों में एलजीबीटीआईक्यू समुदाय के लोगों के प्रति भेदभाव, घृणाव उन पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही इन समूहों से जुड़े संगठनों को प्रदर्शन या विरोध प्रदर्शित करने से भीरोका जा रहा है व गिरफ्तारी की जा रही है।
  • पोलैंड की तरह, हंगरी में भी रूढ़िवादी कैथोलिक एजेंडा लगातार आगे बढ़ रहा है।
  • नवंबर 2020 में, हंगरी के नागकेटा (Nagyakata) शहर में एल जी बी टी आई क्यू समुदाय से जुड़े समूहों पर प्रतिबंध लगाने के लिये एक प्रस्ताव लाया गया था।इस प्रस्ताव के एक महीने बाद देश की संसद में इस समुदाय के सभी अधिकारों को और अधिक सीमित करने के लिये एक संविधान संशोधन विधेयक भी लाया गया था। 

यूरोपीय संघ का प्रस्ताव

  • यूरोपीय संसद में इस प्रस्ताव के समर्थन में 141 के मुकाबले 492 वोट पड़े।
  • प्रस्ताव में यूरोपीय संघ के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस समुदाय के लोगों को पूरे यूरोप में कहीं भी स्वतंत्रता के साथ रहने का अधिकार है और सभी देशों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिये, क्योंकि समानता के अधिकार पर सबका हक है।
  • यूरोपीय संघ की इस घोषणा ने संघ में दो फाड़ कर दिया है, जहाँ एक ओर पोलैंड और हंगरी हैं वहीं दूसरी ओर संघ के अन्य देश हैं।
  • संघ का मानना है कि इन दो पूर्व कम्युनिस्ट देशों, जो अब रूढ़िवादी राष्ट्रवादी सरकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं,के लोकतांत्रिक मूल्यों में विगत कुछ वर्षों में गिरावट आई है।
  • पिछले वर्ष दिसंबर में, इन दो केंद्रीय यूरोपीय देशों ने यूरोपीय संघ के बजट पर वीटो करने की धमकी भी दी थी।
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