(सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।) |
संदर्भ
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 'श्वेत क्रांति 2.0' की शुरुआत की है।
क्या है श्वेत क्रांति 2.0
- श्वेत क्रांति 2.0 महिला किसानों को सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से एक व्यापक पहल है।
- इसके तहत सरकार का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में डेयरी सहकारी समितियों द्वारा दूध की खरीद में 50 % की वृद्धि करना है।
- सहकारी समितियों द्वारा की जाने वाली खरीद को वर्तमान 660 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 1,000 लाख लीटर करना है।
- इसमें 100,000 नई एवं मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देशीय जिला सहकारी समितियों और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Primary Agriculture Credit Societies: PACS) की स्थापना और सुदृढ़ीकरण शामिल है।
- इन्हें आवश्यक बुनियादी ढाँचे के साथ दुग्ध शृंखला से जोड़ा जाएगा।
- यह नई पहल महिलाओं को सशक्त बनाने व कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने में सहायक होगी।
प्रमुख स्तंभ
- महिला किसानों को सशक्त बनाना
- स्थानीय दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना
- डेयरी बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना
- डेयरी उत्पाद निर्यात को बढ़ावा देना
वित्तपोषण
- प्रारंभिक रूप से राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board : NDDB) अपने स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा।
- इसके द्वारा 40,000 रुपये प्रति PACS के हिसाब से 1,000 PACS को वित्त प्रदान किया जाएगा।
- श्वेत क्रांति 2.0 दुग्ध व्यवसाय में लगी महिलाओं को औपचारिक रोजगार में शामिल करने में मदद करेगी क्योंकि उनको प्रदत्त धनराशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।
- इसके तहत सहकारी क्षेत्र की सभी संस्थाओं के सहकारी बैंकों में बैंक खाते खोलने का निर्णय लिया गया है।
सहकारी समितियों के मध्य सहयोग पहल
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने 'सहकारी समितियों के बीच सहयोग' पहल के राष्ट्रव्यापी विस्तार की भी घोषणा की।
- यह कार्यक्रम रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से डेयरी किसानों को ब्याज मुक्त नकद ऋण प्रदान करेगा और डेयरी सहकारी समितियों को माइक्रो-एटीएम वितरित करेगा जिससे किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएँ पहुँचेगी।