संदर्भ
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्यों द्वारा महामारी संधि (Pandemic Treaty) के लिये पहले दौर की चर्चा का आयोजन किया गया है।
क्या है महामारी संधि
- कोविड-19 महामारी द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों की कमियों को उजागर करने के पश्चात् इसमें सुधार की व्यापक आवश्यकता महसूस की गई। इसे ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2021 में, डब्ल्यू.एच.ओ. संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly : WHA) ने महामारी संधि का मसौदा तैयार करने के लिये एक वैश्विक प्रक्रिया को शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।
- वर्ष 1948 में स्थापना के बाद से डब्ल्यू.एच.ए. का यह दूसरा विशेष सत्र था, जिसमें "द वर्ल्ड टुगेदर" शीर्षक से एक संकल्प को अपनाया गया। इसके तहत महामारी संधि पर चर्चा करने और मसौदा तैयार करने के लिये एक अंतरसरकारी वार्ता निकाय (Intergovernmental Negotiating Body : INB) की स्थापना की गई।
महामारी संधि की आवश्यकता
- कोविड-19 महामारी के दौरान निर्धन एवं अविकसित देशों को विकसित देशों की दवाओं एवं अन्य चिकित्सीय सुविधाओं पर आश्रित रहना पड़ा। साथ ही, निर्धन देशों में टीकों का असमान वितरण भी देखा गया।
- इस महामारी के दौरान अधिकांश देशों द्वारा ‘मी-फर्स्ट’ दृष्टिकोण का पालन किया गया, जिसे वैश्विक महामारी से निपटने के लिये प्रभावी तरीका नहीं माना जा सकता है।
महामारी संधि में शामिल संभावित मुद्दे
- इस संधि में उभरते हुए वायरस के डाटा साझाकरण, जीनोम अनुक्रमण, टीकों और दवाओं के समान वितरण तथा वैश्विक स्तर पर महामारी संबंधी अनुसंधानों जैसे पहलुओं को शामिल करने की उम्मीद है।
- यूरोपीय संघ का मत है कि इस संधि में वन्यजीव बाजारों (Wildlife Markets) पर प्रतिबंध को शामिल किया जाना चाहिये क्योंकि ऐसा अनुमान है कि कोविड-19 वायरस का मनुष्यों में संक्रमण चीन के वन्यजीव बाजार के जानवरों से ही हुआ होगा।
- इसके अतिरिक्त यूरोपीय संघ का मत है कि यह संधि कानूनी रूप से बाध्यकारी हो जबकि अमेरिका, ब्राजील और भारत ने इस संदर्भ में अपनी असहमति व्यक्त की है।
डब्ल्यू.एच.ओ. संविधान का अनुच्छेद 19
- यह अनुच्छेद डब्ल्यू.एच.ए. को स्वास्थ्य के मामलों पर सम्मेलनों या समझौतों को अपनाने का अधिकार देता है। ऐसे सम्मेलनों या समझौतों को अपनाने के लिये दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
- विदित है कि इसी अनुच्छेद के तहत तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यू.एच.ओ. फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्थापित किया गया, जो वर्ष 2005 में लागू हुआ था।
निष्कर्ष
कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों में विद्यमान कमियों को उजागर किया है। वर्तमान में, डब्ल्यू.एच.ओ. का प्रमुख लक्ष्य भविष्य में इस तरह की किसी भी आपदा से निपटने के लिये एक बेहतर वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली की स्थापना करना हैं। इस संबंध में वैश्विक महामारी संधि के लिये वार्ता का आयोजन एक सकारात्मक कदम है। हालाँकि इस संधि में अल्पविकसित एवं विकाशील देशों के हितों को भी ध्यान में रखना आवश्यक होगा ताकि एक कुशल वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण किया जा सके।