चर्चा में क्यों
- केंद्र सरकार ने 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम(CAA) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी।
क्या है नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) 2019 ?
- इसके माध्यम से नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया।
- इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए
- हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
- इन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिये पासपोर्ट एवं वीज़ा जैसे दस्तावेज़ों की आवश्यकता नहीं होगी।
- इन समुदायों को विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट अधिनियम, 1920 के अंतर्गत किसी भी आपराधिक मामले से छूट दी जाएगी
- ये अधिनियम भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने और वीजा या परमिट समाप्त होने के बाद भी यहाँ रहने वाले लोगो के लिये दंड देने की व्यवस्था से संबंधित हैं
- इनके लिये, भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 11 वर्षों तक देश में निवास की शर्त को घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है
- वर्तमान में देशीयकरण द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त करने का नियम -
- कोई व्यक्ति विगत 14 वर्षों में 11 वर्षों तक वह भारत में रहा हो
- पिछले 12 महीने से वह देश में रह रहा हो
- CAA उन लोगों पर पर लागू नहीं होता है, जो वर्तमान में भारतीय नागरिक हैं
कैसे मिलेगी नागरिकता?
- पहले, आवेदकों को पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के वैध विदेशी पासपोर्ट के साथ आवासीय परमिट की एक प्रति की आवश्यकता होती थी
- अब पासपोर्ट और भारत द्वारा जारी आवासीय परमिट की आवश्यकता समाप्त कर दी गयी है
- वीज़ा के स्थान पर स्थानीय निकाय के निर्वाचित सदस्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र भी पर्याप्त होगा
- निम्नलिखित दस्तावेजों में से किसी एक को भी पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान की नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जायेगा
- आवेदक के 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश के प्रमाण के रूप में निम्नलिखित दस्तावेजों में से कोई भी स्वीकार्य होगा।
- आवेदक को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की जानकारी के लिए किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी
- उसका भाषा बोलने में सक्षम होना ही पर्याप्त होगा
कहां करना होगा आवेदन?
- आवेदक को जिलाधिकारी के पास आवेदन नहीं करना होगा
- आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.
- इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है
- http://Indiancitizenshiponline.nic.in
- केंद्र सरकार द्वारा एक अधिकार प्राप्त समिति और एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा
- समिति के पास आवेदन की जांच करने और भारतीय नागरिकता देने या अस्वीकार करने का अधिकार होगा
- भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत प्रत्येक व्यक्ति को एक डिजिटल प्रमाणपत्र दिया जाएगा
- राज्य सरकारों की इस प्रक्रिया में सीमित भागीदारी होगी
किन क्षेत्रों को छूट दी गयी है ?
- संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों को छूट दी गयी है
- इसमें असम में कार्बी आंगलोंग, मेघालय में गारो हिल्स, मिजोरम में चकमा जिले और त्रिपुरा में आदिवासी क्षेत्र के जिले शामिल हैं