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क्यों आवश्यक है वाहनों की स्क्रैपिंग?

(प्रारंभिक परीक्षा- आर्थिक और सामाजिक विकास तथा जलवायु परिवर्तन )
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण)

संदर्भ

हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ‘वाहन स्क्रैपिंग नीति’ को लागू करने के लिये ‘पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा’ केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से मसौदा नियमावली जारी की है।

वाहनों की स्क्रैपिंग का कारण

  • देश में 20 वर्ष से पुराने हल्के मोटर वाहनों की संख्या 50 लाख से अधिक है, जबकि 15 वर्ष से पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन मौजूद हैं। इनके अतिरिक्त, 15 वर्ष से अधिक पुराने लगभग 17 लाख मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहन भी मौजूद हैं, जिनके पास वैध फिटनेस प्रमाण-पत्र नहीं हैं।
  • पूरी तरह से सही (Fit) वाहनों की तुलना में पुराने वाहन पर्यावरण को 10 से 12 गुना अधिक प्रदूषित करते है। साथ ही, पुराने वाहनों को स्क्रैप करने से सड़क सुरक्षा के साथ-साथ वाहन सुरक्षा में भी सुधार होगा।
  • यह वाहनों के आधुनिकीकरण का एक स्वैच्छिक कार्यक्रम (Voluntary Vehicle-Fleet Modernization Program) है, जिसका उद्देश्य अनफिट और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

कैसे होगा स्क्रैपिंग का कार्यान्वयनvehicles

  • वाहनों को दो प्रकार से स्क्रैप किये जाने का विकल्प है। वाणिज्यिक वाहनों के लिये इसका निर्धारण स्वचालित फिटनेस सेंटर के प्रमाण-पत्र के आधार पर होगा, जबकि निजी वाहनों के संबंध में इसका निर्धारण उसके पंजीकरण के नवीनीकरण के आधार पर होगा। फिटनेस परीक्षण या पंजीकरण प्रमाण-पत्र के नवीनीकरण में विफल रहने वाले वाहनों का जीवन-काल समाप्त मान लिया जाएगा।
  • वाहन के फिटनेस का निर्धारण मुख्यत: उत्सर्जन परीक्षण, ब्रेकिंग और सुरक्षा उपकरणों सहित केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के तहत निर्धारित अन्य मानकों के आधार पर होगा।
  • यदि 15 वर्ष पुराना कोई वाणिज्यिक वाहन फिटनेस प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में विफल हो जाता है तो उसका पंजीकरण रद्द करने का प्रस्ताव है। इसी तरह, 20 वर्ष पुराने अनफिट पाए जाने वाले निजी वाहनों का भी पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही, उपयुक्त दोनों प्रकार के वाहनों को स्क्रैप कर दिया जाएगा।
  • इसके अंतर्गत केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ-साथ अन्य संस्थाओं व उपक्रमों तथा सार्वजनिक स्वायत्त निकायों के सभी वाहनों को पंजीकरण तिथि के 15 वर्ष बाद स्क्रैप करने के अतिरिक्त उनका पंजीकरण भी रद्द करने का प्रस्ताव है। उल्लेखनीय है की इस स्क्रैपिंग नीति से विंटेज कारों को बाहर रखा जाएगा।

प्रस्तावित स्क्रैप नीति को लागू करने की समयावधि

क्रमांक

नियमन

समयावधि

1.    

फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर के लिये नियम

     01 अक्तूबर, 2021

2.    

15 वर्ष से अधिक के सरकारी और पी.एस.यू. वाहनों की स्क्रैपिंग

       01 अप्रैल, 2022

3.    

भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिये अनिवार्य फिटनेस परीक्षण

       01 अप्रैल, 2023

4.    

चरणबद्ध तरीके से अन्य श्रेणियों के लिये अनिवार्य फिटनेस परीक्षण

       01 जून, 2024

 

उद्देश्य और लाभ

  • इस नीति का उद्देश्य भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिये पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करना है। साथ ही, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करके बेहतर ईंधन दक्षता प्राप्त करने एवं मौजूदा असंगठित वाहन स्क्रैपिंग उद्योग को संगठित करने का भी लक्ष्य है।
  • इस नीति के परिणामों में सुरक्षा, ईंधन खपत में कमी और प्रदूषण जैसे पहलू शामिल होंगे। हालाँकि, इस नीति में जुर्माने जैसे किसी दंड का प्रावधान नहीं है।
  • स्क्रैपिंग पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण से लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश के साथ-साथ 35 हज़ार रोज़गार के अवसरों के सृजन का अनुमान है।
  • इस नीति से ऑटोमोटिव (वाहन उद्योग), इस्पात और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को सस्ता कच्चा माल भी उपलब्ध हो सकेगा। इससे नए वाहनों के मूल्य में कमी आने के साथ उनकी देखरेख की लागत भी कम होगी

पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (Registered Vehicle Scrapping Facility- RVSF) केंद्र : मुख्य विशेषताएँ

  • आर.वी.एस.एफ. को ‘वाहन’ डाटाबेस तक पहुँच प्रदान की जाएगी। साथ ही, इसे वाहन की स्क्रैपिंग से संबंधित पंजीकरण करने और स्क्रैपिंग प्रमाण-पत्र जारी करने का भी अधिकार होगा।
  • वाहनों की स्‍क्रैपिंग से पूर्व उसके चोरी होने या किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होने की जाँच व सत्यापन के लिये राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो एवं पुलिस डाटाबेस तक भी इसकी पहुँच होगी।
  • आर.वी.एस.एफ. का पंजीकरण आरंभ में 10 वर्ष के लिये मान्य होगा और बाद में 10 वर्ष के लिये इसका नवीनीकरण कराना होगा।
  • आर.वी.एस.एफ. को स्वास्थ्य व सुरक्षा नियमों, पर्यावरण मानदंडों और अन्य मंत्रालयों एवं संस्थाओं द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा।
  • इन केंद्रों में टेस्ट-लेन, आई.टी. सर्वर, पार्किंग और वाहनों के मुफ्त आवागमन के लिये पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होगी। हितों के टकराव से बचने के लिये फिटनेस केंद्रों के संचालक केवल परीक्षण सुविधाएँ ही प्रदान कर सकेंगे,  मरम्मत व उपकरणों की बिक्री का कार्य नहीं कर सकेंगे।

वाहन मालिकों को वित्तीय प्रोत्साहन का प्रस्ताव

  • सरकार की इस नीति का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये वाहन मालिकों को कई वित्तीय प्रोत्साहन भी दिये जाएंगे। पुराने वाहन के लिये एक निश्चित स्क्रैप कीमत का भुगतान किया जाएगा।
  • स्क्रैप का विकल्प चुनने वाले निजी वाहन मालिकों को पथ-कर में 25% तक और वाणिज्यिक वाहनों पर 15% तक छूट प्रदान करने के सुझाव दिया गया है।
  • स्क्रैपिंग केंद्र वाहन मालिकों को स्क्रैप प्रमाण-पत्र देंगे। वाहन निर्माताओं को स्क्रैपिंग प्रमाण-पत्र के बदले नए वाहन खरीदने पर 5% की छूट प्रदान करने के साथ-साथ उन वाहनों के नि:शुल्क पंजीकरण का सुझाव भी शामिल है।

वाहन स्क्रैपिंग के समक्ष चुनौतियाँ

  • आर.वी.एस.एफ. केंद्रों की स्थापना के लिये आधारभूत ढाँचे की कमी।
  • विभिन्न स्क्रैपिंग तकनीकों के बीच समन्वय का अभाव।
  • स्क्रैपिंग सुविधा केंद्रों द्वारा पर्यावरण एवं प्रदूषण मानदंडों का अनुपालन करने के लिये निगरानी तंत्र का अभाव।
  • ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिये उपकरण तथा खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन व उनके निस्तारण की पर्याप्त सुविधाओं के लिये तंत्र के विकास में बाधा।
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