सरकार ने डीजल के निर्यात पर कर 7.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2.50 रुपये प्रति लीटर और ATF (Aviation Turbine Fuel)पर उत्पाद शुल्क 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया।
यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में नरमी के कारण लिया गया है।
विंडफॉल टैक्स
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है। भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं।
विंडफॉल टैक्स केंद्र सरकार द्वारा कच्चे तेल के उत्पादकों द्वारा 75 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से ऊपर प्राप्त किसी भी कीमत पर किए गए मुनाफे पर लगाया जाता है।
अमूमन सरकारें इस तरह के प्रॉफिट पर टैक्स के सामान्य रेट के ऊपर वन-टाइम टैक्स लगाती है। इसे विंडफॉल टैक्स कहते हैं।
कब से हुआ था लागू?
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2022 से पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था।
उस समय सरकार ने ऐलान किया था कि इस टैक्स को पेट्रोल के साथ-साथ डीजल, ATF पर भी लगाया जाएगा।
सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ प्रत्येक पर 6 रुपये प्रति लीटर का कर लगाया था, जबकि डीजल पर यह 13 रुपये प्रति लीटर था।
विंडफॉल टैक्स के लागू होने के बाद से इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट आई है।
ऐसे में तेल कंपनियों को अपने नुकसान भरपाई का मौका मिला है।
सरकार ने विंडफॉल टैक्स पर कटौती की है जब इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत लगभग 85 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है।
ATF (Aviation Turbine Fuel)
जेट फ्यूल (हवाई ईंधन) या एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की जरूरत विमानों के परिचालन के लिए पड़ती है।
इसका प्रयोग जेट व टर्बो-प्रॉप इंजन वाले विमान को पावर देने के लिए किया जाता है।
यह एक विशेष प्रकार का पेट्रोलियम आधारित ईंधन है। एटीएफ दिखने में रंगहीन और स्ट्रा की तरह होता है।
ज्यादातर कॉमर्शियल विमानन कंपनियां ईंधन के तौर पर जेट ए और जेट ए-1 ईंधन का इस्तेमाल करती है।