संदर्भ
हाल ही में, विश्व बैंक ने पूर्वी-दक्षिण एशिया में परिवहन एकीकरण की चुनौतियों और अवसरों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के साथ निर्बाध परिवहन कनेक्टिविटी से भारत की राष्ट्रीय आय में 8% और बांग्लादेश की राष्ट्रीय आय में 17% की वृद्धि की संभावना है।
- द्विपक्षीय व्यापार की बात की जाए तो यह बांग्लादेश के व्यापार का 10% है, जबकि भारत के व्यापार का यह लगभग 1% है। साथ ही, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करते हुए द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की बात कही गई है।
- वर्तमान में दोनों देशों के बीच व्यापार अभी भी अपनी वर्तमान क्षमता से 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर कम है।
कारण
- पूर्वी उप-क्षेत्र दक्षिण एशिया का ‘आर्थिक विकास का ध्रुव’ बनने की ओर अग्रसर है और इस क्षमता को प्राप्त करने के लिये देशों को कनेक्टिविटी में निवेश महत्त्वपूर्ण है।
- कोविड महामारी के बाद भी इस क्षेत्र ने तीव्र आर्थिक रिकवरी प्रदर्शित की है और कनेक्टिविटी दीर्घकालिक एवं समावेशी विकास में सहायक है।
- भौगोलिक रूप से बांग्लादेश की अवस्थिति भारत, नेपाल, भूटान और अन्य पूर्वी एशियाई देशों के लिये एक रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में है। क्षेत्रीय व्यापार, पारगमन और लॉजिस्टिक नेटवर्क में सुधार करके बांग्लादेश एक आर्थिक शक्ति बन सकता है, जो भारत के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
संभावनाएँ
- विश्व बैंक के पिछले विश्लेषण के अनुसार, यदि भारत मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो बांग्लादेश में भारत का निर्यात 126% और बांग्लादेश का भारत में निर्यात 182% तक बढ़ सकता है।
- इसी विश्लेषण के अनुसार, दोनों देशों के बीच परिवहन संपर्क में सुधार से निर्यात में और भी वृद्धि हो सकती है। इससे भारत में बांग्लादेश के निर्यात में 297% की और बांग्लादेश में भारत के निर्यात में 172% की वृद्धि की संभावना है।