(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, संस्थाएं एवं संगठन) |
संदर्भ
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ ने 14 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस, 2024 का वैश्विक स्तर पर आयोजन किया।
विश्व मधुमेह दिवस का परिचय
- क्या है : 160 से अधिक देशों में 1 बिलियन से अधिक लोगों तक पहुँचने वाला दुनिया का सबसे बड़ा मधुमेह जागरूकता अभियान
- स्थापना : वर्ष 1991 में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा
- वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 61/225 के पारित होने के साथ यह आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र दिवस बन गया।
- तिथि निर्धारण : प्रत्येक वर्ष सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्म दिवस के अवसर पर 14 नवंबर को
- इन्होंने वर्ष 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी।
- वर्ष 2024 की थीम (विषय) : बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना
- इस विषय का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों और अन्य वैश्विक संस्थानों को मधुमेह शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेहतर अवसर, बुनियादी ढांचे, जनशक्ति एवं वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वर्ष 2030 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मधुमेह कवरेज लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
वर्ष 2030 तक मधुमेह कवरेज लक्ष्य में शामिल बिंदु
- 80% लोगों में मधुमेह का निदान हो।
- निदान किए गए 80% लोगों को अपने ग्लाइसीमिया (शरीर में रक्त शर्करा) और रक्तचाप पर बेहतर प्रबंधन प्राप्त होना चाहिए।
- 60% लोगों (40 वर्ष और उससे अधिक) को स्टैटिन (रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक दवाओं का समूह) तक पहुंच होनी चाहिए।
- टाइप 1 मधुमेह से प्रभावित 100% लोगों को इंसुलिन और उचित रक्त ग्लूकोज स्व-प्रबंधन सुविधा तक आसान पहुंच होनी चाहिए।
मधुमेह (Diabetes) के बारे में
- मधुमेह एक दीर्घकालिक विकार है जो या तो तब होती है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
- इंसुलिन एक हार्मोन है जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।
- शरीर में बढे हुए रक्त शर्करा की स्थिति को हाइपरग्लाइकेमिया कहा जाता है।
- अनियंत्रित मधुमेह हृदय संबंधी समस्याओं, तंत्रिका क्षति, गुर्दे एवं पैर में समस्या, त्वचा संक्रमण, अवसाद, दंत समस्याओं जैसी घातक जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
- मधुमेह के मुख्यत: 3 प्रकार हैं- टाइप 1 मधुमेह, टाइप 2 मधुमेह और गर्भावधि मधुमेह।
- वैश्विक स्तर पर वर्ष 2021 में मधुमेह के कारण 67 लाख लोगों की मृत्यु हुई और वर्तमान में 53.7 करोड़ (10 में से 1) लोग इस विकार से ग्रस्त है और यह संख्या वर्ष 2030 में बढ़कर 64.3 करोड़ और वर्ष 2045 तक 78.3 करोड़ हो जाएगी।
भारत में मधुमेह की स्थिति
- भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 77 मिलियन लोग मधुमेह (टाइप 2) से पीड़ित हैं और लगभग 25 मिलियन प्रीडायबिटिक हैं (निकट भविष्य में मधुमेह विकसित होने का उच्च जोखिम)।
- 50% से अधिक लोग अपनी मधुमेह स्थिति से अनजान हैं जिसके कारण यदि समय रहते इसका पता न लगाया जाए और उपचार न किया जाए तो स्वास्थ्य संबंधी निम्नलिखित जटिलताएँ हो सकती हैं :
- मधुमेह से पीड़ित वयस्कों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम 2 से 3 गुना बढ़ जाएगा।
- पैरों में रक्त प्रवाह में कमी के साथ न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति), पैरों में अल्सर, संक्रमण और अंततः अंग विच्छेदन की आवश्यकता की संभावना बढ़ जाती है।
- मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी अंधेपन का एक महत्वपूर्ण कारण है और यह रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाओं के लंबे समय तक क्षति के परिणामस्वरूप होता है।
- मधुमेह गुर्दे में फेल होने के प्रमुख कारणों में से एक है।
अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ के बारे में
- परिचय : अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) मधुमेह समुदाय की वैश्विक आवाज़ है जो 161 देशों एवं क्षेत्रों में 240 से अधिक राष्ट्रीय मधुमेह संघों का एक गैर-लाभकारी संगठन हैं। यह मधुमेह से पीड़ित अनुमानित 540 मिलियन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें सशक्त बनाने तथा जोखिम वाले लोगों में मधुमेह की रोकथाम के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
- स्थापना : 23 सितंबर, 1950 को एम्स्टर्डम (नीदरलैंड) में
- पहला सम्मेलन : वर्ष 1952 लीडेन, नीदरलैंड
- WHO के साथ आधिकारिक संबंध की स्थापना : वर्ष 1957 में
- दृष्टिकोण : विश्व भर में सस्ती, गुणवत्तापूर्ण मधुमेह देखभाल व शिक्षा तक पहुंच
- उद्देश्य : मधुमेह से पीड़ित लोगों के जीवन को बेहतर बनाना तथा जोखिम वाले लोगों में मधुमेह की रोकथाम करना
- आई.डी.एफ. गतिविधियों का प्रमुख उद्देश्य : नीतियों को प्रभावित करना, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सुधार को प्रोत्साहित करना
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