(प्रारंभिक परीक्षा : आर्थिक और सामाजिक विकास) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय) |
संदर्भ
हाल ही में, विश्व बैंक समूह ने विश्व आर्थिक संभावना (Global Economic Prospects) रिपोर्ट, 2025 जारी की है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
वृद्धि दर का अनुमान
- वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान : वर्ष 2025 के लिए 2.8% और वर्ष 2026 के लिए 2.9%
- भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान : वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2026-27 दोनों में 6.7% की स्थिर दर का अनुमान
- यह प्रदर्शन भारत के लचीलेपन और दुनिया के आर्थिक प्रक्षेपवक्र को आकार देने में इसके बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है।
क्षेत्र आधारित अनुमान
- भारत के सेवा क्षेत्र में वृद्धि मज़बूत रहने और विनिर्माण गतिविधियों में सुधार का अनुमान
- इसका प्रमुख कारण लॉजिस्टिक्स अवसंरचना एवं कर प्रणालियों में सुधार के सरकारी प्रयास है।
- मजबूत श्रम बाजार, ऋण तक बढ़ती पहुंच एवं निम्न मुद्रास्फीति के कारण भारत में निजी उपभोग में तेजी की संभावना
- पूर्वी एशिया एवं दक्षिण एशिया में निवेश वृद्धि विशेष रूप से मजबूत
- यह आंशिक रूप से नई आपूर्ति श्रृंखलाओं में घरेलू एवं विदेशी निवेश से प्रेरित है, विशेष रूप से भारत, इंडोनेशिया व वियतनाम में।
- भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति वर्ष 2024 की तुलना में वर्ष 2025 में कम रहने का अनुमान
- यह केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित मुद्रास्फीति सीमा (2-6%) के भीतर रहेगी।
- मौसम की प्रतिकूल स्थिति से वर्ष 2024 में सब्जियों, अनाज एवं अन्य प्रमुख वस्तुओं की उच्च कीमतों के परिणामस्वरूप देश की कोर मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई।
- भारत की निवेश वृद्धि दर स्थिर रहने की उम्मीद
- इसको बढ़ते निजी निवेश, बेहतर कॉर्पोरेट बैलेंस शीट एवं अनुकूल वित्तपोषण स्थितियों से समर्थन मिलेगा।
- वर्ष 2000 के बाद से उभरते बाजार एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDE) में महत्वपूर्ण परिवर्तन
- वर्तमान में EMDE अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 45% का योगदान दे रही हैं जो 21वीं सदी के प्रारंभ में 25% था।
- तीन सबसे बड़े EMDE ‘भारत’, ‘चीन’ एवं ‘ब्राजील’ ने 21वीं सदी की शुरुआत से अब तक वैश्विक विकास में सामूहिक रूप से लगभग 60% का योगदान दिया है।