(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा)
संदर्भ
हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा अभिकरण (IEA) ने ‘विश्व ऊर्जा आउटलुक 2022’ रिपोर्ट जारी की।
रूस का प्रभाव
- रूस-यूक्रेन संघर्ष वैश्विक ऊर्जा बाजारों के लिये एक ऐतिहासिक मोड़ है क्योंकि ईंधन के लिये स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर संक्रमण के तीव्र प्रयास किये जा रहे हैं।
- रूस द्वारा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में कटौती और वहां से तेल व कोयले के आयात पर आर्थिक प्रतिबंध से दुनियाभर में ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हुई है।
- विदित है कि रूस जीवाश्म ईंधन का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है।
- रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति अत्यधिक प्रभावित हुई है। शीत काल के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बिजली और ऊष्मा की माँग बढ़ जाती है, अत: यूरोपीय संघ के लिये अगले कुछ वर्ष चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
- यूरोप के 40% प्राकृतिक गैस की आपूर्ति रूस द्वारा की जाती रही है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कारोबार वाली प्राकृतिक गैस में रूस की हिस्सेदारी वर्ष 2021 में 30% से घटकर वर्ष 2030 में 15% रह सकती है। यदि आई.ई.ए. के सदस्य देश अपनी जलवायु प्रतिज्ञाओं को पूरा करते हैं, तो रूस का प्राकृतिक गैस व्यापार 10% तक कम हो जाएगा।
नवीकरणीय ऊर्जा संक्रमण की स्थिति
- प्राकृतिक गैस से नवीकरणीय ऊर्जा में संक्रमण के कारण प्राकृतिक गैस की माँग वर्ष 2050 तक वर्तमान की तुलना में 750 बिलियन क्यूबिक मीटर कम होने की उम्मीद है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक प्राकृतिक गैस की माँग में वर्ष 2030 तक 5% की वृद्धि हो सकती है, जिसमें वर्ष 2050 तक अधिक परिवर्तन की संभावना नहीं है।
- क्योंकि दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के विकासशील देश ईंधन संक्रमण के लिये प्राकृतिक गैस को लेकर अब उत्साहित नहीं हैं।
- वर्तमान में वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में तेल की हिस्सेदारी 80% है। यह वर्ष 2030 तक कम होकर 75% और वर्ष 2050 तक लगभग 60% तक हो सकती है। साथ ही, वर्ष 2030 तक जीवाश्म ईंधन की मांग में कमी आने की संभावना है।
- वर्तमान नीतियों के अनुसार, दुनिया भर में बिजली उत्पादन लागत में वृद्धि के लिये प्राकृतिक गैस 50% जिम्मेदार है और इस दशक के अंत तक इसकी कीमतें उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं।
- नवीकरणीय बिजली उत्पादन की मामूली लागत ऊर्जा संक्रमण की क्षमता को प्रदर्शित करती है।
वैश्विक प्रयास
- वैश्विक ऊर्जा संकट के कारण सरकारों द्वारा ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों को झटका लगा है
- देशों ने एक तरफ अल्पकालिक प्रयासों के रूप में जीवाश्म ईंधन में निवेश और सब्सिडी को बढ़ाने की कोशिश की है।
- दूसरी तरफ रीपॉवरईयू (REPowerEU) जैसे कार्यक्रम और संयुक्त राज्य मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम जैसे कानून के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा अभिकरण (IEA)
- तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 1974 में स्थापित यह अभिकरण एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसका विकास 1973-74 के तेल संकट के साथ हुआ।
- यद्यपि ऊर्जा सुरक्षा इस अभिकरण का एक प्रमुख मिशन बना हुआ है, तथापि आई.ई.ए. वर्तमान में वैश्विक ऊर्जा विचार-विमर्श के केंद्र में है।
- आई.ई.ए. के संस्थापक सदस्यों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, जापान, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और नॉर्वे (एक विशेष समझौते के तहत)थे।
- वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 31 है। इस समूह में कोरिया गणराज्य वर्ष 2002 में और लिथुआनिया वर्ष 2022 में शामिल हुआ।
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