प्रारंभिक परीक्षा - वर्ल्ड एनर्जी रिपोर्ट 2023 मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - ऊर्जा |
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में जारी युनाइटेड किंग्डम स्थित द एनर्जी इंस्टिट्यूट की “वर्ल्ड एनर्जी रिपोर्ट” के अनुसार अक्षय ऊर्जा की बढ़ोत्तरी से जीवाश्म ईंधनों की खपत पर कोई असर नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के महत्त्वपूर्ण तथ्य
- इस रिपोर्ट के अनुसार अब भी कुल ऊर्जा का 82 प्रतिशत हिस्सा कोयले से पूरा हो रहा है।
- रूस के यूक्रेन पर हमले के कारण ऊर्जा बाजार में पिछले साल भारी उथल-पुथल रही और गैस व कोयले की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गयी।
- 2022 में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में रिकॉर्ड 12 फीसदी की वृद्धि हुई लेकिन ऊर्जा बाजार पर कोयले, तेल और गैस की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस समझौते में तय किये गये लक्ष्यों को हासिल करना है तो ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 2030 तक 2019 के स्तर से 43 फीसदी कम करना होगा।
- इस साल पहली बार तेल कंपनी बीपी की जगह एनर्जी इंस्टिट्यूट ने यह सालाना रिपोर्ट जारी की है और ओद्यौगिक सलाहकार एजेंसियों केपीएमजी और कियर्नी ने भी इस रिपोर्ट को तैयार करने में मदद की।
दुनिया में असर
- रिपोर्ट के अनुसार 2021 में ऊर्जा का उपभोग जहाँ 5.5 फीसदी बढ़ा था वहीं पिछले साल यह सिर्फ 1 फीसदी बढ़ा।
- यह 2019 में कोविड के आने से पहले के स्तर से अब भी लगभग तीन फीसदी ज्यादा है।
- यूरोप को छोड़कर बाकी पूरी दुनिया में ऊर्जा के उपभोग में वृद्धि दर्ज की गयी।
- दुनिया में कुल जितनी ऊर्जा इस्तेमाल की गयी उसमें अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 7.5 फीसदी रहा जो 2021 से लगभग एक फीसदी ज्यादा था।
- इसका जीवाश्म ईंधनों के उपभोग पर कोई असर नहीं पड़ा और वह लगभग 82 प्रतिशत के स्तर पर बना रहा।
ऊर्जा क्षेत्र में हिस्सेदारी
- वर्ष 2022 में वर्ष 2021 के मुकाबले 2.3 फीसदी ज्यादा बिजली पैदा हुई।
- इसमें पवन और सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 12 फीसदी थी, जो परमाणु ऊर्जा से ज्यादा रही।
- परमाणु ऊर्जा में 4.4 फीसदी की कमी हुई और अक्षय ऊर्जा स्रोतों में उसकी हिस्सेदारी 84 प्रतिशत रही।
- बिजली उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी 2022 में सबसे ज्यादा 35.4 फीसदी की रही।
तेल और गैस का उत्पादन/उपभोग
- 2022 में तेल का उपभोग 29 लाख बैरल प्रति दिन बढ़कर 9.73 करोड़ बैरल प्रतिदिन पर पहुंच गया।
- हालांकि यह वृद्धि 2021 के मुकाबले कुछ धीमी रही।
- कोविड के पहले 2019 की तुलना में यह 0.7 फीसदी कम था।
- तेल की ज्यादातर मांग जेट ईंधन और डीजल व उससे जुड़े उत्पादों के कारण रही।
- तेल का उत्पादन 2022 में 38 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ गया।
- सबसे ज्यादा उत्पादन तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और अमेरिका में हुआ।
- नाइजीरिया में उत्पादन में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गयी।
- यूरोप और एशिया में प्राकृतिक गैस की बेतहाशा बढ़ती कीमतों का असर मांग पर देखा गया और उसमें तीन प्रतिशत की गिरावट आयी।
- लेकिन तब भी प्राकृतिक गैस ऊर्जा उपभोग का सबसे बड़ा स्रोत बना रहा और कुल ऊर्जा उपभोग में इसकी हिस्सेदारी 24 फीसदी की रही।
- प्राकृतिक गैस के उत्पादन में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ।
- लीक्वीफाइड नैचुरल गैस (एलनजी) का कुल उत्पादन 542 अरब घन मीटर रहा जो बीते साल से 5 फीसदी ज्यादा था।
- इस वृद्धि में सबसे ज्यादा 57 फीसदी की हिस्सेदारी यूरोप की रही जबकि एशिया प्रशांत और दक्षिण व मध्य अमेरिका में गिरावट दर्ज हुई।
- चीन की जगह जापान 2022 में एलएनजी का सबसे बड़ा आयातक बन गया।
कोयला और अक्षय ऊर्जा
- 2022 में कोयले की कीमतों ने नये रिकॉर्ड बनाये और यूरोप में 145 प्रतिशत व जापान में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- कोयले का उपभोग 0.6 फीसदी की दर से बढ़ा जो 2014 के बाद सबसे ज्यादा है।
- इसमें सबसे ज्यादा योगदान चीन और भारत में बढ़ी मांग का रहा।
- उत्तरी अमेरिका और यूरोप में कोयले के उपभोग में कमी दर्ज हुई।
- बीते साल के मुकाबले कोयले का उत्पादन 7 फीसदी अधिक हुआ जिसमें मुख्य भूमिका चीन, इंडोनेशिया और भारत की रही।
- पनबिजली के आलावा अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी में थोड़ी कमी देखी गयी और अक्षय ऊर्जा से कुल बिजली उत्पादन में इनका योगदान 14 फीसदी का रहा।
- सौर और पवन ऊर्जा में 266 गीगावाट की वृद्धि हुई।
- चीन ने सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में सबसे ज्यादा वृद्धि की।