(सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 2 : महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान)
संदर्भ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को उनके देश की ओर से दिये जाने वाली वित्तीय फंड में कमी करने की धमकी दी है।
ध्यातव्य है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका से बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता दी जाती है।
पृष्ठभूमि
- कोरोना वायरस की भीषण त्रासदी से जूझ रहे अमेरिका ने चीन की यात्रा पर बैन लगाया था। इस कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन अमेरिका के फैसले से असहमत था और अमेरिका को अपनी सीमाएँ खोलने की सलाह दी थी जिसे अमेरिका ने मना कर दिया था। इसलिये अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर पक्षपात का आरोप लगाया है और कहा है कि संस्था चीन पर अधिक ध्यान देती है। ट्रंप इससे पहले भी WHO सहित संयुक्त राष्ट्र (UN) की विभिन्न एजेंसियों की आलोचना कर चुके हैं।
- चीन की कोरोना महामारी की स्थिति और वहाँ कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों के आँकड़ों पर भी ट्रंप ने संदेह व्यक्त किया है। हालाँकि कोरोना के प्रकोप को शुरुआत में कम करके आँकने के लिये ट्रंप को भी आलोचना का शिकार होना पड़ा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेषज्ञ एजेंसी है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है जो आमतौर पर सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के माध्यम से उनके साथ मिलकर काम करता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया में स्वास्थ्य संबंधी मामलों में नेतृत्व प्रदान करने, स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंडा को आकार देने, नियम और मानक तय करने, प्रमाण आधारित नीतिगत विकल्प पेश करने, देशों को तकनीकी समर्थन प्रदान करने और स्वास्थ्य संबंधी रुझानों की निगरानी और आँकलन करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यालय का मुख्यालय दिल्ली में है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन वित्तपोषण
विश्व स्वास्थ्य संगठन का वित्तपोषण चार प्रकार से होता है-
- अनुमानित योगदान (assessed contribution) - संगठन की सदस्यता लेने के लिये सदस्य देश राशि का भुगतान करते हैं। प्रत्येक सदस्य देश की शेष देयता अनुमानित योगदान के अंतर्गत आती है। इस राशि की गणना देश की जनसंख्या और धन के सापेक्ष की जाती है।
ये फंड WHO के लिये महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये एक स्तर की संकीर्ण दाता आधार पर निर्भरता को कम करते हैं। हाल के वर्षों में, WHO में अनुमानित योगदान में गिरावट आई है, और अब ये कुल राशि में एक-चौथाई से भी कम है।
- निर्दिष्ट स्वैच्छिक योगदान (specified voluntary contributions) – अनुमानित योगदान के अतिरिक्त सदस्य देशों द्वारा दी गई राशि इस योगदान के अंतर्गत आती है।
अन्य योगदानों में होने वाली कमी के अधिकांश भाग को स्वैच्छिक योगदान ही पूरा करते हैं।
- कोर स्वैच्छिक योगदान (core voluntary contributions) - ऐसी गतिविधियाँ जिनमें संसाधनों के बेहतर प्रवाह और कार्यान्वयन में अवरोध समाप्त करने के लिये तत्काल वित्तपोषण की आवश्यकता होती है, कोर स्वैच्छिक योगदान द्वारा वित्तपोषित होती हैं।
- पी.आई.पी. योगदान (PIP contributions) - वर्ष 2011 में इन्फ़्लुएन्ज़ा वायरस महामारी की क्षमता को साझा करने के साथ इसमें सुधार लाने तथा विकासशील देशों को टीके और अन्य आपूर्ति में वृद्धि करने के लिये महामारी इन्फ़्लुएन्ज़ा तैयारी (पीआईपी) योगदान शुरू किया गया था।
WHO का वर्तमान फंडिंग पैटर्न
- वर्ष 2019 की चौथी तिमाही के अनुसार, कुल योगदान $ 5.62 बिलियन के आसपास था, जिसमें अनुमानित योगदान $ 956 मिलियन का था, निर्दिष्ट स्वैच्छिक योगदान $ 4.38 बिलियन, कोर स्वैच्छिक योगदान $ 160 मिलियन, और PIP का योगदान $ 178 मिलियन था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका वर्तमान में WHO का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो $ 553.1 मिलियन के साथ कुल धन का 14.67 प्रतिशत है।
- दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन है जिसका शेयर 9.76 प्रतिशत या $ 367.7 मिलियन है।
- तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता GAVI वैक्सीन अलायंस है जिसका शेयर 8.39 प्रतिशत है।
- चौथे और पाँचवे स्थान पर क्रमशः यू.के. (7.79 प्रतिशत) और जर्मनी (5.68 प्रतिशत) हैं।
- अगले चार सबसे बड़े दानदाता अंतरराष्ट्रीय निकाय हैं-
- मानवीय मामलों के समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (5.09 प्रतिशत)
- विश्व बैंक (3.42 प्रतिशत)
- रोटरी इंटरनेशनल (3.3 प्रतिशत)
- यूरोपीय आयोग (3.3 प्रतिशत)
- भारत कुल योगदान का 0.48 प्रतिशत और चीन 0.21 प्रतिशत योगदान देता है।
सबसे बड़े कार्यक्रम क्षेत्र जहाँ धन आवंटित किया जाता है वे हैं -
- पोलियो उन्मूलन (26.51 प्रतिशत), इसके बाद
- आवश्यक स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ (12.04 प्रतिशत)
- रोगों के टीके (8.89 प्रतिशत)
आगे की राह
यद्यपि अमेरिका WHO का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, लेकिन चीन के महत्त्व को भी काम करके नहीं आंका जा सकता। शायद इसी लिये WHO चीन के प्रति सीधी प्रतिक्रिया देने से बच रहा है।
WHO, एक वैश्विक संयोजक के रूप में, सार्वजनिक स्वास्थ्य में मानक-सेटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। WHO में मुख्य निर्णय लेने वाला निकाय वार्षिक विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) है, जिसमें सभी सदस्य-राज्यों द्वारा भाग लिया जाता है।
अतः बेहतर, वास्तविक प्रतिक्रिया की मांग को पूरा करने के लिये WHO के निर्वाचित देशों के स्थाई प्रतिनिधियों के साथ एक कार्यकारी बोर्ड (ईबी) बनाया जाना चाहिए जिससे WHO द्वारा जब भी प्रत्यक्ष कार्रवाई की आवश्यकता हो, कार्यकारी बोर्ड मिल सके और उचित निर्णय पर पहुँच सके।