विश्व टीकाकरण सप्ताह 2025 हर साल की तरह इस वर्ष भी 24 से 30 अप्रैल के बीच मनाया जा रहा है।
इसका उद्देश्य:
सभी आयु वर्ग के लोगों को टीकों के माध्यम से रोगों से बचाव के लिए जागरूक करना है।
टीकाकरण के महत्व को उजागर करना और वैश्विक टीकाकरण दरों में सुधार लाना है।
थीम 2025:"सभी के लिए टीकाकरण मानवीय रूप से संभव है"
महत्व:
जीवन रक्षा: 1974 से अब तक, टीकाकरण ने अनुमानित 154 मिलियन लोगों की जान बचाई है, जिसमें अधिकांश शिशु हैं।
हाल के वर्षों में मलेरिया, एचपीवी, डेंगू, मेनिन्जाइटिस, आरएसवी, इबोला और मंकीपॉक्स जैसे रोगों के लिए नए टीकों का विकास हुआ है, जिससे सभी आयु वर्ग के लोगों की सुरक्षा संभव हुई है।
इतिहास:
विश्व टीकाकरण सप्ताह की शुरुआत 2012 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा की गई थी, जब इसे पहली बार वैश्विक स्तर पर एक साथ मनाया गया।
इससे पहले विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर टीकाकरण सप्ताह आयोजित किए जाते थे।
भारत में प्रासंगिकता:
भारत में, यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न रोगों के खिलाफ टीके प्रदान किए जाते हैं।
हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में टीकाकरण कवरेज अभी भी कम है। इस वर्ष का अभियान इन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और टीकाकरण दरों में सुधार लाने पर केंद्रित है।
प्रश्न. विश्व टीकाकरण सप्ताह-2025 कब मनाया जा रहा है?