18 अक्तूबर को वैश्विक स्तर पर विश्व रजोनिवृत्ति दिवस (World Menopause Day) का आयोजन किया गया।
क्या होती है रजोनिवृत्ति
- रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जब महिलाओं की आयु 45 या 55 वर्ष के आस-पास होती है और उनमें प्रजनन संबंधी हार्मोन प्राकृतिक तौर पर घटने लगते हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार, रजोनिवृत्ति आयु बढ़ने का एक सामान्य हिस्सा है और इसे बीमारी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। कुछ महिलाओं के लिए यह एक सकारात्मक अनुभव भी हो सकता है।
- हालांकि, कई लोगों के लिए यह उनके स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव भी डाल सकता है।
- रजोनिवृत्ति के दौरान कई महिलाओं को रात में पसीना आना, मनोदशा में बदलाव (मूड स्विंग) और सोने में समस्या जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- मुख्य रूप से हार्मोन असंतुलन के कारण होने वाले इन लक्षणों का उपचार दवाओं, हार्मोन थेरेपी और जीवन शैली में बदलाव के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
विश्व रजोनिवृत्ति दिवस के बारे में
- स्थापना : वर्ष 1984 में इंटरनेशनल मेनोपॉज सोसायटी (IMS) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से
- उद्देश्य : लोगों के बीच जागरुकता फैलाने और इस गंभीर स्थिति के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए
- वर्ष 2024 की थीम : मेनोपॉज हार्मोन थेरेपी
- इस दिन का महत्व:
- महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवारों और समाज में रजोनिवृत्ति तथा रजोनिवृत्ति के बाद की स्थिति को बेहतर ढंग से समझने का मौका देना
- इस चरण से गुजरने वाली महिलाओं के बीच अच्छे स्वास्थ्य प्रथाओं को बढ़ावा देना
- रजोनिवृत्ति को जीवन में होने वाले एक अहम बदलाव के रूप में प्रस्तुत करना
- अत: इस पर गौर करना, समर्थन और शिक्षा की जरूरत पड़ती है।
- लाभों व खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाकर महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के बारे में सही निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाना
इसे भी जानिए!
- भारत में भारतीय मेनोपॉज सोसायटी कई विषयों की एक राष्ट्रीय सोसायटी है। इसे वर्ष 1995 में शुरू किया गया था।
- यह परिपक्व एवं बुजुर्ग भारतीय महिलाओं के व्यापक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यह सोसायटी चिकित्सा व अन्य इच्छुक स्वास्थ्य पेशेवरों और समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों को सोसायटी के लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करती है।
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