प्रारम्भिक परीक्षा – विश्व प्रवासी प्रजाति रिपोर्ट मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
संयुक्त राष्ट्र के द्वारा पहली बार विश्व प्रवासी प्रजातियों पर रिपोर्ट जारी की गई।
प्रमुख बिंदु
- 12 फरवरी 2024 को उज्बेकिस्तान में वन्यजीव सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार विश्व प्रवासी प्रजातियों पर रिपोर्ट जारी की है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार हर 5 में से 1 प्रवासी प्रजाति के विलुप्त होने का खतरा है।
- पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रवासी प्रजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए इस दिशा में तुरंत आवश्यक कदम उठाने की जरूरत पर प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य :-
परिशिष्ट-1 :
- इसमें सूचीबद्ध 82 प्रतिशत प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है।
- इनमें से लगभग 76 प्रतिशत की आबादी में गिरावट देखी गई है।
- अधिक लुप्तप्राय प्रवासी प्रजातियों में ईगल, मिस्र का गिद्ध और जंगली ऊंट आदि शामिल हैं।
परिशिष्ट-2 :
- प्रजातियों में से 18 प्रतिशत विश्व स्तर पर खतरे में हैं और लगभग 42 प्रतिशत प्रजातियों की जनसंख्या में गिरावट देखी गई है।
नोट:-
परिशिष्ट-1: इसमें उन प्रवासी प्रजातियों की सूची दी गई है जो लुप्तप्राय हैं।
परिशिष्ट-2: इसमें उन प्रवासी प्रजातियों की सूची दी गई है “जिनकी संरक्षण स्थिति प्रतिकूल है तथा उनके संरक्षण और प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौतों की आवश्यकता है”।
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जलीय पारिस्थितिक तंत्र की स्थिति:-
- इस रिपोर्ट में विश्व स्तर पर खतरे में पड़ी 399 प्रवासी प्रजातियों (मुख्य रूप से पक्षी और मछलिया) की भी पहचान की गई है जो अभी तक प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) के तहत संरक्षण के लिए सूचीबद्ध नहीं किए गए हैं।
शिकार और मत्स्य पालन की स्थिति :-
- इस रिपोर्ट के अनुसार कई पक्षी, समुद्री कछुए, व्हेल, शार्क और अन्य प्रवासी जीव-जंतु बदलते मौसम के साथ अलग-अलग वातावरण में चले जाते हैं और निवास स्थान के नुकसान, अवैध शिकार, मछली पकड़ने, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण खतरे में पड़ जाते हैं।
- इसके अलावा बांधों के कारण भी प्रवासी प्रजातियों को निवास स्थान का नुकसान झेलना पड़ता है।
- इस रिपोर्ट में केवल 14 प्रजातियों की स्थिति में सुधार हुआ है।
- इनमें नीली और हंपबैक व्हेल, सफेद पूंछ वाली समुद्री उकाब(Bald Eagle) और काले चेहरे वाली स्पूनबिल शामिल हैं।
प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) :-
- इसकी स्थापना वर्ष 1979 में की गई थी।
- यह प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्यों पर विश्व के देशों को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- इस कन्वेंशन के तहत संरक्षण के लिए सूचीबद्ध 97 प्रतिशत प्रवासी मछलियों के विलुप्त होने का खतरा है।
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प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- संयुक्त राष्ट्र के द्वारा जारी विश्व प्रवासी प्रजाति पर रिपोर्ट के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- ईगल
- जंगली ऊंट
- मिस्र का गिद्ध
उपर्युक्त में से कितने लुप्तप्राय प्रवासी प्रजाति हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (c)
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स्रोत: DownToEarth