चर्चा में क्यों?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा निर्मित विश्व की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित सड़क का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- यह सड़क 19,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित है तथा इसकी लंबाई 52 किमी. है। यह दक्षिणी लद्दाख में स्थित उमलिंग-ला-दर्रे से होकर गुज़रती है।
- यह माउंट एवरेस्ट के दोनों आधार शिविरों व सियाचिन ग्लेशियर से भी ऊँची है। इसे गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।
- विदित है कि लेह में खारदुंग-ला-दर्रे पर स्थित सड़क, दुनिया की सबसे ऊँची सड़कों में से एक है, जिसकी ऊँचाई 17,582 फीट है।
- दर्रे के माध्यम से सड़क निर्माण बी.आर.ओ. के प्रोजेक्ट ‘हिमांक’ का एक हिस्सा है।
महत्त्व
- यह सड़क चिसुमले और डेमचोक को जोड़ती है। इस सड़क से पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर से जुड़े शहरों के मध्य एक सीधा मार्ग विकसित होगा, जिससे शीतकाल में भी वाहनों का अवागमन सुगमता से हो सकेगा।
- इससे लेह, कारू और न्योमा को सड़क-मार्ग से जोड़ा गया है। इन पर सभी महत्त्वपूर्ण सैन्य स्टेशन स्थित हैं व यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भी करीब है, जिससे इस सड़क का सामरिक महत्त्व बढ़ जाता है
डेमचोक का सामरिक महत्त्व
डेमचोक वर्ष 2016 से भारत-चीन के मध्य विवादित स्थल रहा है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में मौज़ूदा गतिरोध में डेमचोक पुनः विवाद के बिंदु के रूप में सामने आया है।
प्रोजेक्ट हिमांक
यह लद्दाख में बी.आर.ओ. द्वारा शुरू की गई एक परियोजना थी, जो वर्ष 2017 पूर्ण हुई। इसके अंतर्गत खारदुंग-ला, तंगलांग-ला और चांग-ला दर्रों पर सबसे ऊँची सड़कों का निर्माण किया गया है।