प्रारम्भिक परीक्षा – विश्व का दूसरा तैरता सीएनजी स्टेशन मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
- पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के द्वारा वाराणसी में रविदास घाट पर नावों के लिए फ्लोटिंग री-फ्यूलिंग (सीएनजी स्टेशन) का उद्घाटन किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- वाराणसी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रविदास घाट पर शहर के दूसरे फ्लोटिंग कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) स्टेशन को स्थापित किया गया है।
- यह स्टेशन वाराणसी में विश्व के पहले फ्लोटिंग री-फ्यूलिंग (सीएनजी स्टेशन) नमो घाट सीएनजी स्टेशन (दिसंबर 2021 से चालू) के बाद देश का दूसरा स्टेशन है।
- दोनों स्टेशनों को गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, जो पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत एक महारत्न पीएसयू है।
- इन फ्लोटिंग स्टेशनों को गेल द्वारा लगभग 17.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है।
रविदास घाट पर नया सीएनजी स्टेशन:-
- यह सीएनजी स्टेशन एक मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) है, अर्थात सीएनजी को नमो घाट से कैस्केड में भरा जाएगा और नावों में ईंधन भरने के लिए जलमार्ग से रविदास घाट तक पहुंचाया जाएगा। यह भी विश्व में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
- इस स्टेशन की क्षमता 4,000 किलोग्राम/दिन है, जो प्रति दिन 300 से 400 नावों की आपूर्ति कर सकती है।
महत्व
- इन फ्लोटिंग स्टेशनों को स्थापित करने का मुख्य कारण पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करना और स्वच्छ, अधिक टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों को स्थापित करना है।
- रविदास घाट पर सीएनजी स्टेशन से नाविकों को बड़ी सुविधा मिलेगी क्योंकि उन्हें ईंधन भरने के लिए नमो घाट तक नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी।
लाभ :-
- सीएनजी डीजल की तुलना में अधिक कुशल ईंधन है, इससे नाविकों को महत्वपूर्ण बचत होगी, क्योंकि सीएनजी इंजन डीजल इंजनों की तुलना में 35-40% अधिक माइलेज देता है जिससे प्रत्येक नाविक को संभावित रूप से प्रतिवर्ष 36,000 रुपये की बचत हो सकती है।
- सीएनजी अधिक सुरक्षित और कम प्रदूषणकारी है और डीजल की तुलना में काफी कम नाइट्रस ऑक्साइड (NO2) और सल्फर ऑक्साइड (SO2) उत्पन्न करती है।
- यह डीजल की तुलना में निकास से कम धुआं पैदा करता है और लगभग गंधहीन होता है, जिससे नाविकों और पर्यटकों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है
- इससे नदी और वातावरण में प्रदूषण कम होता है। नावों के कम कंपन के कारण डीजल इंजन की तुलना में इंजन के शोर में कमी से नाव की सवारी का आनंद लेने वाले पर्यटकों के लिए स्थिरता और आराम मिलता है।
गेल इंडिया लिमिटेड
- कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत, गेल इंडिया लिमिटेड ने नावों को पर्यावरण-अनुकूल ईंधन सीएनजी में बदलने के लिए वाराणसी नगर निगम (VNN) के साथ एक समझौता किया है।
- गेल के द्वारा वाराणसी नगर निगम (VNN) में पंजीकृत 890 में से 735 नावों को 18 करोड़ रुपये की लागत से कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) कार्यक्रम के तहत सीएनजी में परिवर्तित किया गया है।
- गेल को इस परियोजना की सफलता के लिए एशियन ऑयल एंड गैस अवार्ड्स कार्यक्रम में प्रतिष्ठित 'मिडस्ट्रीम प्रोजेक्ट ऑफ द ईयर - इंडिया' का पुरस्कार दिया गया है।
- गेल ने वाराणसी में सीजीडी बुनियादी ढांचा बनाने के लिए 350 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है जिसमें वर्ष 2024 तक 100 करोड़ रुपये और निवेश किये जाएंगे।
- वाराणसी सीजीडी परियोजना प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है। और इसका उद्घाटन 2018 में प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।
नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन:-
- यह विश्व का पहला फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन है,जिसे दिसंबर 2021 से चालू किया गया था।
- इस स्टेशन की संपीडन क्षमता लगभग 15,000 किलोग्राम/दिन सीएनजी है जो प्रति दिन लगभग 1,000 - 1,500 नावों को भर सकती है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से भारत में विश्व का दूसरा तैरता सीएनजी स्टेशन कहाँ पर स्थापित किया गया है?
(a) नमो घाट
(b) रविदास घाट
(c) तुलसी घाट
(d) अस्सी घाट
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- फ्लोटिंग री-फ्यूलिंग क्या है? इसके महत्व की व्याख्या कीजिए।
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