5 दिसंबर, 2024 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक स्तर पर विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) का आयोजन किया गया।
विश्व मृदा दिवस के बार में
- क्या है : ‘विश्व मृदा दिवस’ स्वस्थ मृदा के महत्व पर ध्यान देने और मृदा संसाधनों के सतत प्रबंधन की वकालत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- वर्ष 2024 की थीम : ‘मृदा देखभाल: माप, निगरानी, प्रबंधन’
- शुरुआत :
- अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने वर्ष 2002 में 5 दिसंबर के दिन पहली बार विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश की थी, जिसका समर्थन वर्ष 2013 में खाद्य एवं कृषि संगठन ने भी किया।
- इसके बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2013 से प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस के रूप में मानने की घोषणा की और 5 दिसंबर, 2014 को पहली बार विश्व मृदा दिवस मनाया गया।
- उद्देश्य : वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय लचीलेपन के लिए टिकाऊ मृदा प्रबंधन प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए सटीक मृदा डाटा की तत्काल आवश्यकता पर जोर देना।
- आयोजन : इस वर्ष का कार्यक्रम थाईलैंड में आयोजित किया गया।
मृदा प्रबंधन की आवश्यकता
- दुनिया भर में खाद्यान्न की मांग बढ़ रही है। अनुमान है कि वर्ष 2050 तक इसमें 60% की वृद्धि होगी, इसलिए टिकाऊ मृदा प्रबंधन से 58% तक अधिक खाद्यान्न उत्पादन संभव है।
- हालाँकि, मात्र 2-3 सेमी. मृदा निर्माण में 1,000 वर्ष तक का समय लग जाता है, जो इस गैर-नवीकरणीय संसाधन के संरक्षण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- इस वर्ष के विश्व मृदा दिवस अभियान में सरकारों, उद्योगों एवं व्यक्तियों से मृदा के स्वास्थ्य को मापने और उस पर गहन निगरानी रखने का आग्रह किया गया है।
- यह अभियान मृदा गुणवत्ता पर सटीक डाटा नीतियों एवं प्रथाओं को तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है जो दीर्घकालिक उत्पादकता व पारिस्थितिक स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।