विश्व जल दिवस 2023 थीम - जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाना(Accelerating the change to solve the water and sanitation crisis)
प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य स्वच्छ जल के महत्व और इसकी आपूर्ति को स्थायी रूप से प्रबंधित करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता का प्रसार करना है।
इसे वर्ष 1992 में रियो डी जनेरियो में "पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन" की अनुसूची 21 में पहली बार औपचारिक रूप से शामिल किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जल संरक्षण के महत्व के बारे में सामुदायिक समझ बढ़ाने के लिए वर्ष 1993 से विश्व जल दिवस को वार्षिक रूप से मनाना शुरू कर दिया।
सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6, वर्ष 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता के समर्थन में वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए कार्रवाई करने से संबंधित है।
भारत सरकार द्वारा नागरिकों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने तथा जल संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन 15 अगस्त 2019 को लॉन्च किया गया था।
यह भारत सरकार का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जो “हर घर जल” वाक्यांश के नाम से भी प्रसिद्ध है।
यह एक ‘मिशन मोड परियोजना’ है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक पूरे देश में प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक पाइप के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित करना है।
यह मिशन, ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल के संरक्षण, भू-जल पुनर्भरण, अपशिष्ट जल प्रबंधन तथा उसके कृषि क्षेत्र में उपयोग आदि गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
इस मिशन का क्रियान्वयन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ द्वारा किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन (शहरी)
जल जीवन मिशन (शहरी) का उद्देश्य सभी वैधानिक शहरों में क्रियाशील नलों के माध्यम से सभी घरों में जल आपूर्ति का सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करना है।
इस मिशन का क्रियान्वयन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।