चर्चा में क्यों ?
- प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है
- इस दिन का मुख्य उद्देश्य आर्द्रभूमियों (Wetlands) के महत्व को समझाना और इनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- आर्द्रभूमि संरक्षण से संबंधित रामसर कन्वेंशन को 2 फरवरी 1971 को लागू किया गया था
- पहली बार विश्व आर्द्रभूमि दिवस वर्ष 1997 में मनाया गया था।
- आर्द्रभूमियां पर्यावरण संतुलन बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और जैव विविधता को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वर्ल्ड वेटलैंड्स डे 2025 की थीम
- हमारे साझा भविष्य के लिए वेटलैंड्स की सुरक्षा
- Protecting Wetlands for our Common Future
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क्या है रामसर अभिसमय?
- यह वैश्विक आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
- इसे 2 फरवरी, 1971 को कैस्पियन सागर के तट पर स्थित रामसर, ईरान में हुए एक सम्मलेन में अपनाया गया था।
- भारत में यह 1 फरवरी 1982 को लागू हुआ
मोंट्रेक्स रेकॉर्ड (Montreux Record)
- मोंट्रेक्स रेकॉर्ड उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची है, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं तथा जिनकी पारिस्थितिकी में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है।
- यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।
- भारत के लोकतक झील और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, मोंट्रेक्स रेकॉर्ड में शामिल हैं
- उड़ीसा की चिल्का झील को भी वर्ष 1993 में मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था
- वर्ष 2002 में इसे रिकार्ड से हटा दिया गया।
क्या है आर्द्रभूमि?
- जल से समृद्ध भूभाग को आर्द्रभूमि की संज्ञा प्रदान की जाती है। रामसर अभिसमय के अनुसार कोई भी महत्वपूर्ण क्षेत्र जहाँ वर्ष में लगभग आठ माह जल भराव की स्थिति होती है वह क्षेत्र आर्द्रभूमि कहलाता है।
- ये क्षेत्र जैव-विविधता से संपन्न होते हैं।
- इसे भारत में मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल सहित 19 वर्गों में विभाजित किया गया हैं।
आर्द्रभूमि के विभिन्न प्रकार
- आर्द्रभूमि कई रूपों में होती है, जिसमें नदियाँ, दलदल, दलदल, मैंग्रोव, कीचड़, तालाब, दलदल, बिलबोंग, लैगून, झीलें और बाढ़ के मैदान शामिल हैं।
- अधिकांश बड़े आर्द्रभूमि क्षेत्रों में अक्सर विभिन्न प्रकार की मीठे पानी की प्रणालियों का संयोजन शामिल होता है।
क्या हैं रामसर स्थल
- रामसर स्थल एक आर्द्रभूमि होता है।
- इसे रामसर अभिसमय के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए नामित किया जाता है।
भारत में रामसर स्थल
भारत में 89 रामसर स्थलों को चिन्हित किया गया है इनमें प्रमुख हैं:-
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चिल्का झील (ओडिशा) – एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील
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लोकटक झील (मणिपुर) – दुनिया की एकमात्र तैरती झील
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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) – प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य
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सुदर्शनखाली (पश्चिम बंगाल) – सुंदरबन का हिस्सा
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पॉइंट कैलिमेरे (तमिलनाडु) – समुद्री आर्द्रभूमि
- तमिलनाडु भारत में सबसे अधिक ऐसे रामसर स्थलों (20) वाला राज्य है।
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प्रश्न - भारत में सबसे अधिक रामसर स्थल किस राज्य में है ?
(a) तमिलनाडु
(b) उत्तर प्रदेश
(c) केरल
(d) पंजाब
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