मेथनॉल के बारे में
- मेथनॉल (CH₃OH) एक सरल अल्कोहल है जिसे मिथाइल अल्कोहल या वुड अल्कोहल के नाम से भी जाना जाता है जिसका उपयोग कई तरह की औद्योगिक और रासायनिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।
- यह एक रंगहीन, ज्वलनशील तरल है जिसमें हल्की गंध होती है और यह अपनी रासायनिक संरचना के संदर्भ में सबसे सरल अल्कोहल है।
- इसमें एकल कार्बन परमाणु होता है, जो तीन हाइड्रोजन परमाणुओं और एक हाइड्रॉक्सिल समूह (-OH) से बंधा होता है।
मेथनॉल के स्रोत
- प्राकृतिक स्रोत : मेथनॉल प्राकृतिक स्रोतों में कम मात्रा में पाया जाता है, जिसमें लकड़ी, कुछ फल और सब्ज़ियाँ शामिल हैं। ये पौधे के चयापचय के उपोत्पाद के रूप में होती हैं।
- औद्योगिक उत्पादन : मेथनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस (मीथेन) के स्टीम रिफॉर्मिंग नामक सिंथेटिक प्रक्रिया के माध्यम से या कोयले, बायोमास अथवा बायोगैस से किया जाता है।
मेथनॉल के उपयोग
- रासायनिक फीडस्टॉक : मेथनॉल विभिन्न रसायनों के उत्पादन में एक बुनियादी फीडस्टॉक है, जिसमें फॉर्मेल्डिहाइड, एसिटिक एसिड, मिथाइल एस्टर, प्लास्टिक और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं ।
- ईंधन और ऊर्जा : मेथनॉल का उपयोग अकेले या गैसोलीन के साथ मिश्रित (M85 या M100 के रूप में) करके आंतरिक दहन इंजनों में वैकल्पिक ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
- जैव ईंधन : नवीकरणीय संसाधनों (जैसे, बायोमास या अपशिष्ट पदार्थ) से प्राप्त मेथनॉल का उपयोग परिवहन एवं ऊर्जा क्षेत्रों में जैव ईंधन या हरित ईंधन के रूप में तेजी से किया जा रहा है।
- विलायक : मेथनॉल का व्यापक रूप से विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में विलायक के रूप में उपयोग किया जाता है, जिसमें पेंट, रोगन, वार्निश, स्याही और प्राकृतिक पदार्थों के निष्कर्षण शामिल हैं।
- एंटीफ्रीज़ और डी-आइसिंग एजेंट : इसके निम्न हिमांक (-97.6°C) के कारण, इसका उपयोग ऑटोमोबाइल रेडिएटर्स के लिए एंटीफ्रीज मिश्रण में तथा विमान के पंखों और रनवे के लिए डी-आइसिंग एजेंट के रूप में किया जाता है।
- फॉर्मेल्डिहाइड का उत्पादन : मेथनॉल का उपयोग फॉर्मेल्डिहाइड के बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन में किया जाता है।
- यह प्लास्टिक, रेजिन और चिपकने वाले पदार्थों के उत्पादन में एक प्रमुख घटक है ।
- संधारणीय मेथनॉल (ग्रीन मेथनॉल) : उद्योगों और परिवहन में उभरते स्वच्छ ईंधन के रूप में, ग्रीन मेथनॉल का उत्पादन अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे, हवा या औद्योगिक उत्सर्जन से प्राप्त CO2 और अक्षय बिजली से प्राप्त हाइड्रोजन) का उपयोग करके किया जाता है।
- इसे संभावित कार्बन-तटस्थ ईंधन विकल्प के रूप में देखा जाता है ।
पर्यावरण एवं सुरक्षा संबंधी चिंताएं
- विषाक्तता : मेथनॉल विषाक्तता गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जिससे अंधापन, अंग विफलता और मृत्यु तक हो सकती है।
- ज्वलनशीलता : मेथनॉल अत्यधिक ज्वलनशील होता है। वस्तुतः गर्मी, चिंगारी या खुली लपटों के संपर्क में आने पर आसानी से जल सकता है।
- कार्बन फुटप्रिंट : जब ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है, तो मेथनॉल दहन के समय स्वयं CO2 उत्सर्जन करता है, लेकिन इसका हरित उत्पादन (कैप्चर किए गएCO2 और नवीकरणीय हाइड्रोजन का उपयोग करके) कार्बन-तटस्थ चक्र का परिणाम हो सकता है।
- इस प्रकार यह टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण में एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।
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