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विश्‍व व्‍यापार संगठन का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मलेन और भारत का एजेंडा

प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, WTO, GATT
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-2 और पेपर-3

संदर्भ:

26 से 29 फरवरी, 2024 के दौरान विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) का 13वां मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन संयुक्‍त अरब अमीरात के अबुधाबी में आयोजित हो रहा है।

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प्रमुख बिंदु:

  • इसकी अध्यक्षता संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी कर रहे हैं।
  • भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कर रहे हैं।
  • इसकी 12वीं बैठक जून, 2022 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित की गई थी।

बैठक में भारत के एजेंडे में कुछ प्रमुख क्षेत्र:

1. किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी की सीमा बढ़ाने के लिए नियम में संशोधन

  • भारत अपनी गरीब आबादी के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग (PSH) की आवश्यकता पर बल देता है।
    • सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग (PSH) कार्यक्रम एक नीति उपकरण है, जिसके तहत सरकार MSP पर किसानों से अनाज खरीदती है। 
    • इस खाद्यान्न का भंडारण कर गरीबों में वितरण करती है।
  • कृषि पर WTO का समझौता MSP पर अनाज खरीदने की सरकार की क्षमता को सीमित करता है।
  • वर्तमान में WTO के नियमों के अनुसार, वर्ष 1986-88 के संदर्भ मूल्यों को आधार मानते हुए उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत से अधिक कृषि सब्सिडी नहीं दी जा सकती है। 
  • भारत इसमें बदलाव चाहता है ताकि किसानों को अधिक सब्सिडी देने का वैश्विक मंच पर विरोध न हो सके।
  • दूसरी तरफ विकसित देशों का मानना है कि खाद्य सब्सिडी जैसे कार्यक्रम खाद्यान्न की वैश्विक व्यापार कीमतों को विकृत करते हैं।

WTO के खिलाफ भारतीय किसानों का विरोध:

  • भारत में किसान संगठन WTO की नीतियों को किसान विरोधी बताते हैं।
  • ऐसा माना जा रहा है कि WTO के कारण ही सरकार MSP की लीगल गारंटी नहीं दे पा रही है।
  • किसानों की मांग है कि कृषि क्षेत्र को WTO की नीति से बाहर रखा जाए।     

2. चीन का विरोध:

  • WTO के मंच पर निवेश समझौते के नाम पर चीन के नेतृत्व में 130 देशों के आपसी विचार-विमर्श का भी भारत विरोध करेगा।
  • भारत इस समझौते में शामिल नहीं है।
  • भारत का तर्क है कि इस प्रकार के समझौते के लिए WTO के मंच का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। 
  • इस समझौते में शामिल होने वाले देशों को एक-दूसरे के निवेश प्रस्ताव को ठुकराने पर उसका कारण बताना होगा।
  • निवेश संबंधी नीति बनाने के दौरान भी सदस्य देशों के साथ विचार-विमर्श करना होगा।

3. मत्स्य पालन पर सब्सिडी:

  • वर्ष 2022 मे हुए इसके पहले के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में WTO के सदस्य देशों ने अवैध और अनियमित तरीके से मछली पकड़ने पर सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी को रोकने के लिए एक समझौता किया था। 
  • भारत के तर्क-
    • भारत द्वारा दी जा रही सब्सिडी विकसित देशों की तुलना में  कम है।
    • भारत अपने गरीब मछुआरों को दी जा रही मदद को खत्म करने के किसी भी कदम का भी विरोध करेगा।
    • भारत का मानना है कि विकासशील देशों को अपने गरीब मछुआरों को एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) तक मछली पकड़ने पर सब्सिडी की अनुमति दी जानी चाहिए।

4. ई-कॉमर्स व्यापार पर सीमा शुल्क स्थगन जारी रखने का विरोध:

  • इस बैठक में ई-कॉमर्स व्यापार भारत के लिए एक प्रमुख फोकस बिंदु है।
  • वर्ष 1998 से इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर सीमा शुल्क पर चल रही रोक WTO के सामने एक विवादास्पद मुद्दा है।  
  • WTO की स्थगन योजना के तहत देश सीमा पार ई-कॉमर्स लेनदेन पर सीमा शुल्क नहीं लगाते हैं।
  • पिछले स्थगन विस्तार की सहमति जून 2022 के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में बनी थी; अगर इसकी अवधि न बढ़ाई जाए तो यह इस बैठक में खत्म हो जायेगी।

5. गैर-व्यापार मुद्दों की चर्चा पर आपत्ति:

  • भारत श्रम और पर्यावरण जैसे गैर-व्यापार मुद्दों को लाने पर आपत्ति जता रहा है, क्योंकि उनका मानना है कि इसकी चर्चा के लिए अलग मंच उपलब्ध है। 

GATT

विश्व व्यापार संगठन (WTO):

  • इसे वर्ष 1947 में संपन्न हुए प्रशुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) के स्थान पर अपनाया गया।
  • इसके निर्माण की पृष्ठभूमि गैट के उरुग्वे दौर (वर्ष 1986-94) की वार्ता में तैयार हुई।
  • इसकी स्थापना मारकेश समझौते के तहत की गई।
  • इसके लिए वर्ष 1994 में मोरक्को के मारकेश में हस्ताक्षर किए गए।
  • 1 जनवरी, 1995 को WTO द्वारा कार्य शुरू किया गया।
  • इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।
  • इसमें यूरोपीय संघ सहित 164 सदस्य देश शामिल हैं।
  • GATT मुख्यतः वस्तुओं के व्यापार को विनियमित करता था, वहीं WTO के तहत वस्तुओं के साथ सेवाओं और अन्य बौद्धिक संपदाओं संबंधित व्यापार को शामिल किया जाता है।
  • WTO के उद्देश्य:
    • अंतरराष्ट्रीय व्यापार हेतु नियमों को निर्धारण और क्रियान्वयन करना
    • व्यापार बाधाओं को कम करना
    • व्यापार से सम्बंधित विवादों का समाधान करना
    • प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करना
    • वैश्विक व्यापार प्रणाली से विकासशील देशों को लाभान्वित होने में सहयोग करना; आदि
  • इसका मंत्रिस्तरीय सम्मेलन शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है।
  • इसकी बैठक समान्यतः प्रत्येक 2 वर्षों में होती है।
  • वर्ष 1996 से वर्ष 2024 तक WTO के 13 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हुए हैं।

बैठक क्रमांक

तिथि

मेजबान शहर

1.

9-13 दिसंबर 1996

सिंगापुर

2.

18-20 मई 1998

जिनेवा , स्विट्जरलैंड

3.

30 नवंबर - 3 दिसंबर 1999

सिएटल , संयुक्त राज्य अमेरिका

4.

9-14 नवंबर 2001

दोहा, कतार

5.

10-14 सितंबर 2003

कानकुन , मेक्सिको

6.

13-18 दिसंबर 2005

हांगकांग

7.

30 नवंबर - 2 दिसंबर 2009

जिनेवा , स्विट्जरलैंड

8.

15-17 दिसंबर 2011

जिनेवा , स्विट्जरलैंड

9.

3-6 दिसंबर 2013

बाली, इंडोनेशिया

10.

15-18 दिसंबर 2015

नैरोबी , केन्या

11.

10-13 दिसंबर 2017

नैरोबी , केन्या

12.

12-16 जून 2022

जिनेवा , स्विट्जरलैंड

13.

26 से 29 फरवरी, 2024

संयुक्त अरब अमीरात

प्रश्न:- विश्‍व व्‍यापार संगठन (WTO) के सम्बन्ध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1.  इसकी स्थापना मारकेश समझौते के तहत की गई।
  2.  इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।
  3. WTO का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन समान्यतः प्रत्येक वर्ष होता है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी  तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (b)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: विश्‍व व्‍यापार संगठन के हालिया मंत्रिस्तरीय सम्मलेन में चर्चा में रही कृषि सब्सिडी का पूरा मुद्दा क्या है?

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