- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के स्वायत्त संस्थान ‘अगरकर अनुसंधान संस्थान (ARI)’ पुणे के शोधकर्ताओं ने एक अत्यधिक छिद्रपूर्ण (हाइली पोरस) स्पंजी ज़ेरोजेल (Xerogel) हेमोस्टैटिक ड्रेसिंग विकसित की है।
- इसमें सिलिका नैनोकणों (Silica Nanoparticles : SiNPs) और कैल्शियम का उपयोग किया गया है।
- इस ड्रेसिंग को रक्त के थक्के को तेजी से जमाने और अनियंत्रित रक्तस्राव से राहत प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसका अनुप्रयोग मेसोपोरस सामग्रियों एवं दवा वितरण प्रणालियों में किया जाता है।
ज़ेरोजेल की विशेषताएँ
- ज़ेरोगेल एक प्रकार के ठोस-निर्मित जैल हैं, जिन्हें कमरे के तापमान पर बिना किसी दाब के धीरे-धीरे सुखाकर तैयार किया जाता है।
- ज़ेरोगेल में आमतौर पर बहुत छोटे छिद्र के साथ-साथ उच्च सरंध्रता का गुण होता है।
- इसमें परंपरागत ड्रेसिंग की तुलना में रक्त के थक्के बनाने की क्षमता 13 गुना अधिक होती है।
एरोजेल एवं ज़ेरोजेल में अंतर
एरोजेल सुपरक्रिटिकल अवस्था में जेल से तरल निकालकर निर्मित किए जाते हैं जबकि ज़ेरोजेल कमरे के तापमान पर तरल को वाष्पित करके बनाए जाते हैं। एरोजेल में आम तौर पर ज़ेरोजेल की तुलना में अधिक पृष्ठीय क्षेत्र होता है।