प्रारंभिक परीक्षा – जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना (ZED) को 1 लाख प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ।
प्रमुख बिंदु
- ‘जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना’ को अक्टूबर 2016 में लॉन्च किया गया और अप्रैल 2022 में नया रूप दिया गया।
- यह गुणवत्ता प्रबंधन, समय पर डिलीवरी, प्रक्रिया नियंत्रण ,अपशिष्ट प्रबंधन जैसे 20 प्रदर्शन-आधारित मापदंडों के अनुसार वर्गीकृत तीन प्रमाणन स्तरों (सोना, चांदी और कांस्य) के तहत पर्यावरण के प्रति जागरूक विनिर्माण के लिए प्रमाणन प्राप्त किया है।
- जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना के पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार 1,02,642 एमएसएमई को प्रमाणित किया गया, जिनमें से 1,01,962 को कांस्य-स्तर का प्रमाणन प्राप्त हुआ, 339 इकाइयों को रजत प्रमाणन प्राप्त हुआ और 341 को स्वर्ण प्रमाणन प्राप्त हुआ।
- योजना के तहत एमएसएमई को दी गई संचयी वित्तीय सहायता 134.57 करोड़ रुपये थी।
जीरो डिफेक्ट, जीरो इफ़ेक्ट योजना
- इस योजना के तहत प्रमाणन लागत का 75 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें अधिकतम 50,000 रुपये की सब्सिडी सीमा के साथ-साथ अगले प्रमाणन स्तर को प्राप्त करने के लिए सहायता/परामर्श के लिए 2 लाख रुपये तक की सहायता भी प्रदान की जाती है।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए इस योजना में शून्य प्रभाव समाधान/प्रदूषण नियंत्रण उपायों/स्वच्छ प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ने के लिए 3 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है।
- एमएसएमई(MSME) से कांस्य प्रमाणन के लिए 10,000 रुपये, रजत प्रमाणन के लिए 40,000 रुपये और स्वर्ण प्रमाणन के लिए 90,000 रुपये का शुल्क लिया जाता है।
- दिसंबर, 2023 में एमएसएमई मंत्रालय ने महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई के लिए ZED योजना मुफ्त कर दी थी।
- इसके अलावा सरकार अब योजना के तहत प्रमाणन लागत के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता के भुगतान की गारंटी देगी।
- ZED प्रमाणीकरण तीन वर्षों के लिए वैध है और एमएसएमई इकाइयों को योजना की वैधता के अनुसार प्रमाणपत्र के लिए फिर से आवेदन करना आवश्यक है।
- वर्तमान में यह योजना केवल एमएसएमई विनिर्माण के लिए लागू है।
- यह योजना 2030 तक देश के CO2 उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने 2030 तक कार्बन की तीव्रता को 45 प्रतिशत से कम करने और अंततः 2070 तक नेट-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने की सरकार की योजना के अनुरूप है।
जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना का उद्देश्य:
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में ‘जीरो डिफेक्ट निर्माण’ के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करना।
- गुणवत्तापूर्ण उपकरणों और ऊर्जा दक्ष विनिर्माण को बढ़ावा देना।
- गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के निर्माण के लिये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को सक्षम बनाना।
- उत्पादों और प्रक्रियाओं में गुणवत्ता मानकों को लगातार उन्नत करने के लिये एमएसएमई को प्रोत्साहित करना।
- जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट (ZED) निर्माण और प्रमाणन के लिये एमएसएमई इकाईयों प्रेरित करना।
- 'मेक इन इंडिया' अभियान का समर्थन करना।
- पर्यावरण (शून्य प्रभाव) को प्रभावित किए बिना जीरो डिफेक्ट शून्य उत्पादन प्रक्रियाओं को अपनाने के साथ विनिर्माण को बढ़ावा देना।
प्रमाणीकरण के लाभ:
- कम लागत और सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करना।
- बेहतर गुणवत्ता और उच्च राजस्व प्राप्त करना।
- सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों में वृद्धि करना।
- रोजगार सृजन
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे कुछ बड़े शहरों में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करना।
मेक इन इंडिया
- भारत में विनिर्माण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के एक हिस्से के रूप में 25 सितंबर 2014 को 'मेक इन इंडिया' पहल शुरू की गई थी।
- इस पहल का उद्देश्य भारत को सबसे पसंदीदा वैश्विक विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना (ZED) को 1 लाख प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ।
- जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना को अक्टूबर 2016 में लॉन्च किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य मेक इन इंडिया अभियान का समर्थन करना है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट योजना क्या है? इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत: FINANCIAL EXPRESS