प्रारम्भिक परीक्षा – ज़ोम्बी हिरण रोग (क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
हाल ही में उत्तरी अमेरिका में हिरण, एल्क, रेनडियर, सिका हिरण जैसे जानवरों में ज़ोम्बी हिरण रोग (क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज) को देखा गया है।
ज़ोम्बी हिरण रोग:-
- इसे क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (Chronic wasting disease :CWD) भी कहा जाता है।
- यह रोग प्रियन प्रोटीन, असामान्य रोगजनक एजेंटों के कारण होता है।
- प्रियन (Prion):- यह एक मिसफोल्ड प्रोटीन होते हैं जो मस्तिष्क में सामान्य प्रोटीन को भी मिसफोल्ड कर सकते हैं।
- इस प्रोटीन से न्यूरोलॉजिकल अध: पतन (Degeneration)हो सकता है।
- यह बीमारी दुर्लभ प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के परिवार से आती है।
- यह मनुष्यों और जानवरों दोनों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।
- यह एक संक्रामक रोग है जो जानवरों के मल, मूत्र, लार, रक्त जैसे शारीरिक तरल पदार्थ के माध्यम से फैलता है।
- यह बीमारी किसी संक्रमित क्षेत्र या खेत, घास के मैदान आदि में जानवरों के प्रवेश करने पर भी फैलाती है।
- यह बीमारी अमेरिकी घास के मैदानों के माध्यम से हिरण, एल्क, रेनडियर, सिका हिरण और मूस आदि में फैल रही है।
ज़ोम्बी हिरण रोग से प्रभावित क्षेत्र :-
- इसकी पहचान पहली बार 1960 के दशक में हुई थी।
- वर्ष 2023 तक यह बीमारी अमेरिका के कम से कम 31 राज्यों के साथ-साथ कनाडा के तीन प्रांतों में देखी गई ।
- इसके अतिरिक्त नॉर्वे, फ़िनलैंड और स्वीडन, दक्षिण कोरिया में भी इसके मामले सामने आए हैं।
बीमारी के लक्षण :-
- अत्यधिक मात्र में वजन घटाना, लड़खड़ाना, उदासीनता और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण शामिल है।
बीमारी से समस्या :-
- रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDS) के अनुसार, संक्रमित जानवर में लक्षण विकसित होने में एक साल से अधिक समय लग सकता है।
- यह रोग जानवरों और मनुष्यों के लिए घातक है।
- इसका कोई इलाज या टीका नहीं है।
ज़ोम्बी हिरण रोग का मनुष्यों पर प्रभाव:-
- प्रियन (Prion)रोग, मनुष्यों में क्रुट्ज़फेल्ट-जैकब रोग (सीजेडी) और मवेशियों में "पागल गाय रोग" के जैसा है।
उदाहरण :-
- ब्रिटेन में पागल गाय रोग के प्रकोप के परिणामस्वरूप लाखों मवेशियों की हत्या हुई
- वर्ष 1995 के बाद से इस बीमारी के 178 मानव मौतें हुईं।
- यह मनुष्यों में संक्रमित जानवरों को खाने या अप्रत्यक्ष मार्गों, जैसे दूषित मिट्टी, पानी और अन्य पर्यावरणीय स्रोतों के संपर्क में आने से हो सकता है।
- रिपोर्टों से पता चलता है कि वर्ष 2017 में मनुष्यों द्वारा प्रति वर्ष 7,000 से 15,000 CWD -संक्रमित जानवरों का सेवन किया गया है
- इन अनुमानों से 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का संकेत मिलता है।
सुझाव :-
- वैज्ञानिकों का सुझाव है कि सीडब्ल्यूडी प्रियन लंबे समय तक पर्यावरण में बने रह सकते हैं अर्थात एक संक्रमित हिरण या एल्क के नष्ट हो जाने के बाद भी।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह बीमारी अमेरिका में हिरण, एल्क, रेनडियर, सिका हिरण और मूस आदि में फैल रही है।
- इस बीमारी का लक्षण अत्यधिक मात्र में जानवरों का वजन बढ़ाना है।
- यह मनुष्यों में संक्रमित जानवरों को खाने या दूषित मिट्टी, पानी और अन्य पर्यावरणीय स्रोतों के संपर्क में आने से हो सकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- ज़ोम्बी हिरण रोग क्या है? इसके पर्यावरण एवं मानव पर पड़ने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
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स्रोत: Science alert