संदर्भ
हाल ही में, ज़ोमी जातीय समूह ने असम के बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) की तर्ज पर एक स्व-प्रशासित क्षेत्र की माँग की है।
ज़ोमी जनजातीय समूह
- ज़ोमी मणिपुर का एक मुख्य जनजातीय समूह है। ज़ोमी परिषद नौ ज़ोमी जनजातियों का प्रतिनिधित्त्व करती है। इसमें गंगटे, कोम, मेट, पेइती, सिमटे, टेडिम चिन, थांगखल, ज़ो और वैपी शामिल हैं।
- ज़ोमी स्वयं को ज़ो (Zo) का वंशज मानते हैं। ज़ो तिब्बती-बर्मन लोग है, जो चिन-कूकी भाषा समूह बोलते हैं। ये नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और असम में बिखरे हुए हैं।
ज़ोलैंड प्रादेशिक परिषद (ZTC)
- यह समूह संविधान की 6ठीं अनुसूची के तहत ज़ोलैंड प्रादेशिक परिषद (ZTC) की माँग कर रहा है, जिसकी परिकल्पना बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) की तर्ज पर की गई है।
- मणिपुर की यह जनजाति पूर्वोत्तर भारत की एकमात्र ऐसी जनजाति है जिसे 6ठीं अनुसूची के प्रावधानों का लाभ नहीं मिलता हैं।
- वर्तमान में केंद्र, मणिपुर सरकार और कुकी-ज़ोमी समूहों से संबंधित 25 चरमपंथी समूहों के बीच त्रिपक्षीय संचालन का निलंबन (Suspension Of Operations) लागू है।
- संचालन का निलंबन समझौते को पहली बार वर्ष 2005 में ज़ोमी क्रांतिकारी सेना (ZRA) द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था, जिसमें अन्य समूह बाद में शामिल हुए। इस समझौते का उद्देश्य चरमपंथी समूहों द्वारा की गई माँगों पर चर्चा करना और मणिपुर में शांति स्थापित करना है।
अन्य तथ्य
- प्रत्येक वर्ष9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस या ‘विश्व के देशज़ लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व आदिवासी दिवस की थीम ‘कोविड-19 और स्वदेशी लोगों का लचीलापन’ है।
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2019 के माध्यम से परिवारा (Parivara) और तलवारा (Talawara) समुदायों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया गया है।