प्रारंभिक परीक्षा के लिए – महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ |
योजना का नाम
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
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आरंभ
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2006
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नोडल मंत्रालय
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ग्रामीण विकास मंत्रालय
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लक्ष्य
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ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 1 वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना
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क्रियान्वयन क्षेत्र
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भारत के सभी जिलों में (100% शहरी आबादी वाले जिलों को छोड़कर)
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आधिकारिक बेवसाइट
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nrega.nic.in
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उद्देश्य
- किसी ग्रामीण परिवार द्वारा मांगे जाने पर गारंटी युक्त रोजगार के रूप में 1 वर्ष में कम से कम 100 दिनों का अकुशल कार्य उपलब्ध कराना।
- ग्रामीण आबादी के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधन आधार का कायाकल्प सुनिश्चित करना।
- समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आजीविका का स्रोत प्रदान करना।
- ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के प्रवास को कम करना।
प्रमुख विशेषताएं
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जो वैधानिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य से संबंधित अकुशल शारीरिक कार्य करने के इच्छुक किसी भी ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सौ दिनों के रोजगार की कानूनी गारंटी प्रदान करती है।
- मांग किए जाने के 15 दिनों के भीतर रोजगार उपलब्ध ना होने की स्थिति में आवेदनकर्ता ‘बेरोजगारी भत्ता' (राज्य सरकारों द्वारा वहन) प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
- बेरोजगारी भत्ता शुरुआती 30 दिनों के लिए न्यूनतम मजदूरी का 1/4 और बाद की अवधि के लिए न्यूनतम मजदूरी का ½ प्रदान किया जाता है।
- कार्यान्वयन एजेंसियां श्रमिकों को उचित पेयजल, सुरक्षित कार्य वातावरण, चिकित्सा सुविधाएं, अनुग्रह भुगतान आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
- मनरेगा के तहत कम से कम एक तिहाई लाभार्थी महिलाएं होनी चाहिए।
- रोजगार 5 किमी के दायरे में प्रदान किया जाएगा, यदि यह 5 किमी से ऊपर है तो अतिरिक्त मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत व्यय का बंटवारा केंद्र और राज्यों के बीच निर्धारित अनुपात में किया जाता है।
- केंद्र सरकार द्वारा अकुशल श्रम की लागत का 100 प्रतिशत, अर्ध-कुशल और कुशल श्रम की लागत का 75 प्रतिशत, सामग्री की लागत का 75 प्रतिशत और प्रशासनिक लागत का 6 प्रतिशत वहन किया जाता है।
- मनरेगा के कार्यों की सामाजिक लेखापरीक्षा (Social Audit) अनिवार्य है इससे जवाबदेही और पारदर्शिता में वृद्धि होती है
- इसका उद्देश्य रोजगार सृजन के अतिरिक्त, परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार करना, उद्यमशीलता के लिए श्रमिकों का कुशल विकास करना भी है।
- इस योजना ने मजदूरी की अस्थिरता और श्रम में लिंग वेतन अंतर को कम किया है।
मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत की भूमिका
- पंजीकरण के लिए आवेदन प्राप्त करना।
- पंजीकरण आवेदनों का सत्यापन करना।
- परिवारों का पंजीकरण करना।
- जॉब कार्ड जारी करना।
- कार्य हेतु आवेदन पत्र प्राप्त करना।
- कार्य हेतु इन आवेदनों की दिनांकित रसीदें जारी करना।
- आवेदन जमा करने के पंद्रह दिनों के भीतर या अग्रिम आवेदन के मामले में काम मांगे जाने की तारीख से काम आवंटित करना।
- कार्यों की पहचान और योजना, परियोजनाओं की सूची विकसित करना, जिसमें उनकी प्राथमिकता के क्रम का निर्धारण शामिल है।
मनरेगा के अंतर्गत शामिल गतिविधियां
- ग्रामीण पेयजल परियोजनाएं।
- कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ।
- ग्रामीण स्वच्छता परियोजनाएं।
- सिंचाई एवं बाढ़ प्रबंधन कार्य।
- पशुधन संबंधी कार्य।
- मछली पालन।
- आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण आदि।