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वन नेशन वन राशनकार्ड (ONOR)

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - वन नेशन वन राशनकार्ड)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र:2 - सरकारी योजनाएं)

योजना का नाम 

वन नेशन वन राशनकार्ड

आरंभ 

2019

लक्ष्य 

राशन कार्डों को देशव्यापी पोर्टेबिलिटी प्रदान करना 

नोडल मंत्रालय 

उपभोक्‍ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

आधिकारिक बेवसाइट 

nfsa.gov.in

वन नेशन वन राशनकार्ड 

  • वन नेशन वन राशनकार्ड योजना को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 2019 में पायलट आधार पर 4 राज्यों में शुरू किया गया था।
  • इसे केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी के लिए लागू किया गया है।

ONORC

उद्देश्य -

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी के माध्यम से देश में कहीं भी सभी प्रवासी लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न की परेशानी मुक्त डिलीवरी सुनिश्चित करना। 
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रवासी लाभार्थियों को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ अपने समान/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाना।
  • प्रवासी नागरिकों को वहनीय दर पर खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    • 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 45 करोड़ आंतरिक प्रवासी हैं जो कुल जनसंख्या का 37% हैं।
  • भुखमरी से होने वाली मृत्यु की घटनाओं को कम करना।
  • खाद्यान्न वितरण में व्याप्त भ्रष्टाचार और बोगस राशनकार्डो को समाप्त करना।

प्रमुख विशेषताएं 

  • योजना से संबंधित राज्य के बीपीएल कार्ड धारकों को 10 अंकों की संख्या वाला एक कार्ड जारी किया जाएगा, जो आधार डेटाबेस से जुड़ा होगा।
  • लाभार्थियों की पहचान PoS(point of sale) मशीन के माध्यम से उनके आधार कार्ड से की जाएगी।
  • यह योजना सभी NFSA लाभार्थियों को और विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को निर्बाध तरीके से बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से पूर्ण या आंशिक खाद्यान्न को प्राप्त करने की अनुमति देता है। 
  • यह प्रणाली उनके घर में मौजूद परिवार के सदस्यों, यदि कोई हो तो, उसी राशन कार्ड पर बकाया खाद्यान्न को प्राप्त करने की अनुमति प्रदान करती है।
  • इस योजना को लागू करने वाले राज्यों की उधार लेने की सीमा में वृद्धि का प्रावधान किया गया है।  
  • यह दोहरे राशन कार्डधारकों की संख्या को कम करने में मदद करेगा।
  • केंद्रीकृत एफआरपी शॉप डेटा का उपयोग इंट्रा- और इंटर-स्टेट माइग्रेशन पर नीतियां बनाने के लिए किया जा सकता है।
  • इससे अन्य राज्यों में प्रवासियों द्वारा बीपीएल कार्ड प्राप्त करने के दौरान व्याप्त बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और शोषण की मात्रा में कमी आएगी।
  • यह महिलाओं और अन्य वंचित वर्ग द्वारा पीडीएस सुविधा का लाभ उठाने में जाति, वर्ग और लिंग और शक्ति संबंधों जैसी सामाजिक पहचान की भूमिका को कम करेगा।
  • यह 2030 तक भुखमरी को समाप्त करने के SDG-2 लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा। 

लाभ 

  • ONOR योजना चरणबद्ध तरीके से लगातार आगे बढ़ते हुए वर्तमान में देश के करीब 77 करोड़ लाभार्थियों (NFSA की कुल संख्या का लगभग 96.8%) को कवर करते हुए फरवरी 2022 तक 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी है। 
  • इस योजना ने कोविड-19 महामारी के दौरान, विशेष रूप से प्रवासियों और NFSA लाभार्थियों के लिए खाद्य सब्सिडी को पोर्टेबल बना दिया, जिससे उन सभी लोगों को लॉकडाउन की अवधि के दौरान देश में लगभग 5 लाख उचित मूल्य की दुकानों में से किसी भी दुकान से बड़ी आसानी और सुगमता के साथ रियायती खाद्यान्न का लाभ उठाने की अनुमति मिली। 
  • अगस्त 2019 में ONOR योजना के शुरू होने के बाद से, अब तक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 65 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन दर्ज किए गए हैं, और खाद्य सब्सिडी में लगभग 36,000 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर अंतर्राज्यीय एवं राज्यान्तरिक पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन,  दोनों के माध्यम से लगभग 121 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया है। 
  • कोविड-19 की अवधि (अप्रैल 2020 से अब तक) के दौरान लाभार्थियों द्वारा काफी बड़ी संख्या में लगभग 58 करोड़ पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन किए गए हैं।
  • वर्तमान में एक प्रमुख सूचक के रूप में, ONOR के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 2.7 करोड़ पोर्टेबिलिटी पोर्टेबिलिटी (नियमित NFSA और पीएम-जीकेएवाई खाद्यान्न आदान-प्रदान सहित) का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है। 

चुनौतियां

  • चूंकि ONOR आधार से जुड़ा हुआ है, इसलिए दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों विशेषकर अनुसूचित जनजातियों के लोगों के बहिष्करण की संभावना है।
  • 'स्टेटस ऑफ आधार सर्वे 2019' के अनुसार, देश में 95 प्रतिशत वयस्कों के पास आधार है, आधार की अनुपलब्धता के कारण शेष 5% लोग भूख से पीड़ित हो सकते हैं।
  • एफसीआई से खाद्यान्न की खरीद के लिए हर राज्य को एक कोटा आवंटित किया गया है, लगातार पलायन उस खरीद पैटर्न को बिगाड़ सकता है।
  • प्रवास के स्थानों पर अनाज बर्बाद हो सकता है, जबकि जिन स्थानों पर आप्रवासन प्रमुख है, वहां खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  • कई प्रवासी अपने पति/पत्नी और माता-पिता को घर वापस छोड़ देते हैं,  इसलिए योजना के तहत भागों में कार्ड जारी करने की आवश्यकता होगी।
  • प्रवासियों और उनके परिवारों के संबंध में व्यापक डेटा अभाव भी योजना के क्रियान्वयन में एक प्रमुख चुनौती है।

राशन कार्ड - 

  • राशन कार्ड उचित मूल्य की दुकानों से आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य सरकार के आदेश या अधिकार के तहत जारी किया गया एक दस्तावेज है।
  • यह एक परिवार में सदस्यों की संख्या और आवेदक की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

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