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पी.एम. स्वनिधि योजना 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए – पी.एम. स्वनिधि योजना
मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ 

योजना का नाम 

पी.एम. स्वनिधि योजना 

आरंभ 

1 जून 2020

नोडल मंत्रालय 

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय

लक्ष्य

कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए स्ट्रीट वेंडर्स को उनकी आजीविका को फिर से शुरू करने के लिए किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना

आधिकारिक बेवसाइट 

pmsvanidhi.mohua.gov.in

PM-self-fund-scheme

उद्देश्य 

  • छोटे दुकानदारों और फेरीवालों (Street Venders) को आर्थिक सहयोग प्रदान करना।  
  • यह स्ट्रीट वेंडर्स को किफायती ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना है।

लाभार्थी

  • विभिन्न क्षेत्रों/संदर्भों में विक्रेताओं, फेरीवालों, ठेलेवालों, रेहड़ीवालों, इत्यादि सहित 50 लाख से अधिक लोग।
  • योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक विक्रेता कोई भी व्यक्ति है जो सड़क, फुटपाथ, फुटपाथ, आदि में सामान, सामान, खाद्य पदार्थ या दैनिक उपयोग के सामान बेचने या जनता को सेवाएं देने में लगा हुआ है।
  • ऋण का लाभ उठाने के लिए, विक्रेता के पास शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा जारी वेंडिंग प्रमाणपत्र/पहचान पत्र होना चाहिए।

राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पात्रता

  • यह योजना केवल उन्हीं राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 के तहत नियम और योजना अधिसूचित की है।
  • हालांकि मेघालय जिसका अपना स्टेट स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट है, के लाभार्थी भी इस योजना के तहत पत्र हैं।

पीएम स्वनिधि के तहत ऋण देने वाली संस्थाएं

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
  • सहकारी बैंक
  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
  • सूक्ष्म वित्त संस्थान
  • स्वयं सहायता समूह (SHG) बैंक

महत्वपूर्ण विशेषताएं

atam-nirbhar

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से योजना का वित्त पोषण किया जाता है।
  • इसके तहत छोटे दुकानदारों को एक वर्ष  के लिए 10,000 रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। 
  • आवेदकों को ऋण के लिये किसी प्रकार के कोलैट्रल की आवश्यकता नहीं होती है। 
  • साथ ही लाभार्थी द्वारा, ऋण का भुगतान निर्धारित समय से करने पर उन्हें 7% की ब्याज सब्सिडी (DBT के माध्यम से) प्रदान की जाएगी।
  • योजना के तहत डिजिटल भुगतान के लिए रेहड़ी-पटरी वालों को प्रोत्साहित करने के लिए कैश-बैक प्रदान किया जायेगा।
  • इसकी कार्यान्वयन अवधि पहले मार्च 2022 तक थी, जिसे अब दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
  • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) इस योजना के प्रशासन के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय का कार्यान्वयन भागीदार है।
  • सिडबी सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से ऋण देने वाली संस्थाओं को क्रेडिट गारंटी का प्रबंधन करेगा।
  • SIDBI योजना कार्यान्वयन के लिए SCBs, RRBs, SFBs, सहकारी बैंकों, NBFC और MFI सहित ऋण देने वाली संस्थाओं के नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
  • इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है।
  • पीएम स्वनिधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों की ऋण तक आसान पहुंच के लिए उन्‍हें अनुशंसा पत्र (एलओआर) देकर उन्हें व्यावसायिक मान्यता प्रदान करने में भी मदद की है।
  • इस योजन के कार्यान्वयन से वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह योजना रेहड़ी-पटरी वाले परिवारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने में सफल रहा है, साथ ही उनके जीवन और आजीविका के जोखिम में पड़ने से बचाया है।

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