(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण) (मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ) |
योजना का नाम
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प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण
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आरंभ
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2016
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लक्ष्य
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सभी बेघर परिवारों तथा कच्चे एवं टूटे-फूटे मकानों में रहने वाले परिवारों को वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का मकान उपलब्ध कराना
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नोडल मंत्रालय
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ग्रामीण विकास मंत्रालय
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क्रियान्वयन क्षेत्र
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सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश
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आधिकारिक बेवसाइट
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pmayg.nic.in
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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- इस योजना का लक्ष्य 2022 तक ग्रामीण क्षेत्र में आवासहीन या कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराना है।
- इस योजना के तहत कुल व्यय का बँटवारा मैदानी राज्यों में केंद्र तथा राज्य सरकार के बीच 60:40 के अनुपात में किया जाता है।
- जबकि पहाड़ी तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यय का अनुपात केंद्र एवं राज्य सरकार के बीच 90:10 का है।
- प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण को 2016 से पहले इंदिरा आवास योजना के नाम से जाना जाता था।
- इंदिरा आवास योजना की शुरुआत 1996 में की गयी थी।
पात्रता
- इस योजना के तहत लाभार्थियों का चयन 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना के आँकड़ों के माध्यम से किया जाता है।
- ग्राम सभा एवं जिओ टैगिंग के द्वारा लाभार्थियों का सत्यापन भी किया जाता है।
- इसके लाभार्थी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोग, मुक्त बंधुआ मज़दूर, विधवा महिलाएँ, रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति हैं।
- इसके अंतर्गत केंद्रीय सहायता से निर्मित घर, परिवार की महिला मुखिया अथवा घर के पुरुष मुखिया व उसकी पत्नी के संयुक्त नाम पर होना चाहिए। इस प्रकार, यह योजना महिला सशक्तीकरण को बढावा देने में सहयोगी भी है।
प्रमुख विशेषताएं
- इस योजना के तहत आवास के न्यूनतम इकाई क्षेत्रफल को 20 वर्गमीटर से बढ़ा कर 25 वर्गमीटर कर दिया गया है।
- इस योजना के तहत लाभार्थियों को मैदानी राज्यों में 1.20 लाख रुपए तथा पहाड़ी राज्यों में 1.30 लाख रूपए प्रदान किये जाते है।
- पात्र लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, पीएमएवाई- जी अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी घरों की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करता है।
- शौचालय के निर्माण के लिए इस योजना को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ा गया है।
- पीएमएवाई-जी के लाभार्थी को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत पाइप से पेयजल, बिजली कनेक्शन, एलपीजी गैस कनेक्शन आदि भी प्रदान किया जाता है।
- इस योजना के तहत मिलने वाली राशि और सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में आएगी, जो कि आधार कार्ड से लिंक होगा जिससे कि उसे इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
- योजना के लाभार्थी मनरेगा के तहत 90-95 श्रम दिन का अकुशल रोजगार प्राप्त करने के भी पात्र होते हैं।
- योजना के अंतर्गत, इच्छुधक लाभार्थी को 70,000 रु. तक की संस्थागत वित्तीय सहायता दी जाएगी जिसकी निगरानी एसएलबीसी, डीएलबीसी और डीएलबीसी के माध्यम से की जाएगी।
- यह योजना स्थानीय सामग्रियों और घरों के स्थानीय विशिष्टता आधारित डिजाइन का उपयोग करके निर्माण की अनुमति प्रदान करती है।
- वह परिवार जो सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना-2011 के तहत निर्दिष्ट मानकों के अनुसार पी.एम.ए.वाई.- जी. के तहत सहायता पाने के पात्र हैं किंतु पात्र लाभार्थियों की सूची में उनके नाम शामिल नहीं हैं, उन पात्र परिवारों की एक अतिरिक्त सूची बनाने के लिये मोबाइल ऐप्लिकेशन ‘आवास+’ का उपयोग करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक अभियान भी चलाया था।