प्रारंभिक परीक्षा के लिए – प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ |
योजना का नाम
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प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना
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आरंभ
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2019
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नोडल मंत्रालय
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श्रम और रोजगार मंत्रालय
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लक्ष्य
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असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा की सुविधा एवं पेंशन प्रदान करना
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क्रियान्वयन क्षेत्र
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सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश
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आधिकारिक बेवसाइट
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maandhan.in
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प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, वृद्धावस्था संरक्षण और असंगठित श्रमिकों (यूडब्ल्यू) की सामाजिक सुरक्षा के लिए एक सरकारी योजना है।
- यह एक अंशदायी पेंशन योजना है, जिसके तहत लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह 3000/- रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होगी
- 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के आवेदकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक प्रति माह 55 रुपये से 200 रुपये के बीच मासिक योगदान करना होगा।
- एक बार आवेदक 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है, तो वह पेंशन राशि का दावा कर सकता है।
- यह योजना एक स्वैच्छिक तथा अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें 50:50 के अनुपात आधार पर लाभार्थी और केन्द्र सरकार द्वारा बराबर का अंशदान किया जाएगा।
- उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 29 वर्ष की आयु का होता है तो उसे 60 वर्ष की आयु तक प्रति महीने 100 रुपये का अंशदान करना होगा तथा केन्द्र सरकार द्वारा भी प्रति महीने 100 रुपये का अंशदान किया जाएगा।
- यदि अभिदाता ने निरंतर रूप से अपने अंशदान का भुगतान नहीं किया है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित दंड राशि के साथ पूरी बकाया राशि का भुगतान करके अंशदान को नियमित करने की अनुमति होगी।
- इसमें नई पेंशन योजना (NPS), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लाभार्थी एवं आयकरदाता शामिल नहीं हों सकते हैं।
- लाभार्थी की मृत्यु की स्थिति में, पति / पत्नी को पेंशन का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में प्राप्त करने का अधिकार होगा।
- पीएम-एसवाईएम का संचालन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाएगा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम और सीएससी के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- एलआईसी, इस योजना के लिए पेंशन फंड मैनेजर होगी और पेंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी होगी।
- पीएम-एसवाईएम पेंशन योजना के अंतर्गत एकत्रित राशि का निवेश भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निवेश तरीकों के अनुसार किया जाएगा।
पात्रता मापदंड
- असंगठित श्रमिक (UW) हो
- असंगठित श्रमिक (UW) में घर पर आधारित श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर्स, मिड-डे मील वर्कर्स, हेड लोडर, ईंट भट्ठा श्रमिकों, मोची, चीर बीनने वाले, घरेलू कामगार, वॉशर मैन, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, स्वयं खाता श्रमिक, कृषि श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, ऑडियो-विजुअल श्रमिक या इसी तरह के अन्य व्यवसायों के श्रमिक शामिल होते हैं।
- देश में असंगठित श्रमिकों की संख्या लगभग 42 करोड़ हैं।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
- आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो
- मासिक आय 15000 रुपये या उससे कम हो
- संगठित क्षेत्र में कार्यरत (ईपीएफओ/एनपीएस/ईएसआईसी के सदस्य) ना हो
- आयकर दाता ना हो
पेंशन योजना छोड़ने पर लाभ
- यदि कोई पात्र लाभार्थी उसके द्वारा योजना में शामिल होने की तारीख से दस वर्ष से कम की अवधि के अंदर इस योजना से बाहर निकलता है, तो केवल उसके द्वारा किए गए अंशदान का हिस्सा उसे बचत बैंक ब्याज दर के साथ वापस कर दिया जाएगा।
- यदि कोई पात्र लाभार्थी उसके द्वारा योजना में शामिल होने की तारीख से दस वर्ष या उससे अधिक की अवधि पूरी करने के बाद लेकिन साठ वर्ष की आयु से पहले बाहर निकलता है, तो उसके योगदान का हिस्सा ही उसे संचित ब्याज के साथ वापस कर दिया जाएगा।
- यदि एक पात्र लाभार्थी ने नियमित योगदान दिया है और किसी भी कारण से उसकी मृत्यु हो गई है, तो उसके पति या पत्नी बाद में नियमित योगदान के भुगतान के रूप में योजना के साथ जारी रखने या संचित ब्याज के साथ ऐसे लाभार्थी द्वारा भुगतान किए गए योगदान के हिस्से को प्राप्त करके बाहर निकलने के हकदार होंगे।
- लाभार्थी और उसके पति या पत्नी दोनों की मृत्यु के बाद, कोष को वापस निधि में जमा कर दिया जाएगा।