UPSC सिविल सेवा परीक्षा की अंतिम मेरिट मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों के योग से बनती है। मुख्य परीक्षा का महत्त्व इस बात से बढ़ जाता है कि इस परीक्षा के कुल 2025 अंकों में से 1750 अंक मुख्य परीक्षा के होते हैं। इसलिए अंतिम रूप से चयनित होने के लिए मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना आवश्यक है। इस परीक्षा की प्रभावी तैयारी के लिए यहाँ कुछ टिप्स साझा किए गए हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा की प्रकृति:
- मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम बहुविषयक एवं विस्तृत है। आयोग इस परीक्षा के माध्यम से विषय की जानकारी, विश्लेषण क्षमता, अभिव्यक्ति कौशल, नैतिकता आदि की जांच करता है।
- यह लिखित परीक्षा होती है और इस परीक्षा में कुल 9 प्रश्न पत्र होते है-
प्रश्न पत्र
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विषय
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अंक
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पेपर- 1
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भारतीय भाषाएँ
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300 अंक (क्वालीफाइंग)
न्यूनतम 25% अंक
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पेपर- 2
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अंग्रेजी भाषा
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300 अंक (क्वालीफाइंग)
न्यूनतम 25% अंक
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पेपर-3
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निबंध
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250 अंक
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पेपर-4
(सामान्य अध्ययन-1)
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भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज
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250 अंक
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पेपर-5
(सामान्य अध्ययन-2)
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शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
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250 अंक
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पेपर-6
(सामान्य अध्ययन-3)
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प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन)
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250 अंक
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पेपर-7
(सामान्य अध्ययन-4)
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नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति
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250 अंक
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पेपर-8 और 9
वैकल्पिक विषय
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प्रश्न-पत्र I
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250 अंक
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प्रश्न-पत्र II
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250 अंक
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यहाँ तक हमने परीक्षा के पैटर्न को समझने की कोशिश की अब इसके माध्यम से तैयारी की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
UPSC मुख्य परीक्षा की तैयारी कैसे शुरू करें?
- मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्न-पत्रों का संपूर्ण पाठ्यक्रम देखें और उसकी एक कॉपी अपने पास रखें।
- इससे परीक्षा की मांग के अनुरूप तैयारी को दिशा दी जा सकेगी।
- इस पाठ्यक्रम से तय होगा कि क्या पढ़ना है और क्या नहीं।
- मुख्य परीक्षा के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का संकलन अपने पास रखें।
- इससे पूछे जा रहे प्रश्नों की प्रकृति को समझा जा सकेगा।
- इससे विषयों की प्राथमिकता और महत्त्व की जानकारी मिलेगी।
- अच्छा होगा कि एक विश्वसनीय कोचिंग संस्था से जुड़ जाएं।
- कोचिंग से कम समय में परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद मिलेगी।
UPSC मुख्य परीक्षा की तैयारी के महत्वपूर्ण टिप्स:
सटीक अध्ययन सामग्री का चयन करें:
- परीक्षा की अपेक्षाओं को समझने के बाद महत्वपूर्ण कार्य करना होता है कि अध्ययन सामग्री के स्त्रोत क्या हों।
- पढ़ने के लिए तो बहुत कुछ है इसके लिए पूरा जीवन भी पर्याप्त नहीं है। अभ्यर्थियों को चयनित दृष्टिकोण रखना चाहिए।
- बाज़ार में अध्ययन सामग्री की बाढ़ सी आ गई है। इसमें बिना बहे प्रामाणिक एवं प्रासंगिक अध्ययन सामग्री का ही चुनाव करें।
- इस बात का ध्यान रखें अध्ययन सामग्री सटीक, संक्षिप्त सारगर्भित हो, जो विगत वर्षों के लगभग सभी प्रश्नों को भी हल कर देती हो।
बेसिक से शुरुआत करें:
- इमारत की मजबूती उसकी नींव से तय होती है। बेसिक तैयारी जितनी बेहतर होगी ज्ञान को बढ़ाना और लम्बे समय तक याद रख पाना उतना ही आसान हो जाएगा।
- सर्वप्रथम सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समझे और अपनी बेसिक तैयारी को NCERT की पुस्तकों आदि से सम्पूर्णता दें।
विषयों का गहन अध्ययन करें:
- विषयों की बेसिक जानकारी के उपरान्त विषय की प्रामाणिक पुस्तकों से ज्ञान को बढाएं।
- UPSC द्वारा पूछे जा रहे प्रश्नों की प्रकृति को देखते हुए अपने ज्ञान को विश्वसनीय स्त्रोतों से अपडेट भी करते रहें।
शार्ट नोट्स या सिनाप्सिस अवश्य बनाएं:
- परीक्षा का पाठ्यक्रम विस्तृत है, जिसे परीक्षा के अंतिम समय में दोहरा पाना और लम्बे समय तक याद रख पाना आसान नहीं है।
- अध्ययन के क्रम में ही शार्ट नोट्स बनाते चलें। ताकि परीक्षा के अंतिम दिनों में तेजी से दोहराना संभव हो।
प्रभावी उत्तर लेखन का प्रयास करें:
- किसी विषय को पढ़ने एवं लिखने के क्रम में उस विषय को विभिन्न विषयों से जोड़कर लिखने की कोशिश करें।
- अन्तः विषयक दृष्टिकोण आपके लेखन में पैनापन लाएगी। एकल विषयक दृष्टिकोण से प्रभावी उत्तर लिखना कठिन है।
- मुख्य परीक्षा में छात्रों के ज्ञान की जाँच लेखन से की जाती है। लेखन कौशल को प्रभावी बनाने का प्रयास करते रहे, जिसके लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं-
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- नियमित उत्तर लेखन करें
- वर्तनी, भाषा, वाक्य-विन्यास मानक स्तर के हों
- सटीक एवं संक्षिप्त लेखन करें
- अनावश्यक जटिल शब्दों के इस्तेमाल से बचें
- लेखन में विषय की पारिभाषिक शब्दावालियों का इस्तेमाल करें
- उत्तरों में डायग्राम, चार्ट, मानचित्र आदि का इस्तेमाल करें।
स्वयं के ज्ञान को जांचते रहें:
- नियमित अभ्यास करें और ज्ञान को जांचते रहें।
- अध्ययन से संबंधित चिन्तन-मनन से अपने अध्ययन को जांचते रहें।
- स्वतः परीक्षण में सुधार की संभावनाएं अधिक होती हैं। चूँकि अंतरात्मा की संतुष्टि का स्तर ऊँचा होता है।
यदि कोई छात्र समर्पण भाव के साथ पूरी प्रतिबद्धता से उक्त सुझाए गए टिप्स को अध्ययन की रणनीति में शामिल करता है, तो निश्चित ही मुख्य परीक्षा उसे अंतिम रूप से सफल होने में मदद करेगी।